क्या शिंदे-फडणवीस अब भी करेंगे मंत्री अब्दुल सत्तार और विधायक रमेश बोरनारे का समर्थन!- नाना पटोले

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले का सुलगता सवाल, टीईटी घोटाले की पूरी जांच हो और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए!

Update: 2022-08-26 14:13 GMT

मुंबई: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने टीईटी घोटाले को लेकर शिंदे - फडणवीस सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने राज्य सरकार से एक सुलगता सवाल किया है। पटोले ने कहा है कि इस मामले में कई खुलासे होने के बाद क्या अब भी शिंदे-फडणवीस सरकार कैबिनेट मंत्री अब्दुल सत्तार और विधायक रमेश बोरनारे का समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा कि इस घोटाले का दायरा दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है।  कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार के बाद विधायक रमेश बोरनारे की बेटी के सर्टिफिकेट का भी गंभीर मामला सामने आया है। पटोले ने शिंदे -  फडणवीस सरकार से इस घोटाले की गहन जांच कराए जाने की मांग की है। साथ ही दोषियों को कड़ी सजा दिलाए जाने की भी मांग की गई है।



इस संबंध में आगे बोलते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि टीईटी घोटाला ईमानदार शिक्षकों के साथ अन्याय है और हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि इस भर्ती प्रक्रिया में राजनीतिक नेताओं, कुछ अधिकारियों और पैसे का लेनदेन करने वाले बिचौलियों को फायदा हुआ है। इस वजह से मेधावी छात्रों की मेहनत  बेकार हो गई है ।पटोले ने कहा कि इस घोटाले के पीछे एक बड़ा  रैकेट शामिल है ।ऐसे में इसकी गहनता से जांच होनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में शिंदे-फडणवीस सरकार में मंत्री अब्दुल के खिलाफ गंभीर आरोप लगने के बाद उन्हें मंत्रालय  में बैठने का कोई अधिकार नहीं है। क्या राज्य सरकार , सत्तार और विधायक बोरनारे के खिलाफ कार्रवाई करेगी। पटोले ने कहा कि शिंदे-फडणवीस सरकार को इसका जवाब जनता को देना चाहिए।

पटोले ने कहा कि राज्य सरकार ने 2013 से शिक्षक योग्यता के लिए टीईटी परीक्षा लागू की है और शिक्षक टीईटी योग्यता के बिना भर्ती में भाग नहीं ले सकते हैं। यहां तक कि ये परीक्षाएं भी हर साल नहीं होती हैं इसलिए हजारों छात्र शिक्षक बनने से वंचित हैं। साइबर पुलिस ने खुलासा किया कि 2019 में महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद द्वारा आयोजित इस परीक्षा में घोटाला हुआ था। जांच में सामने आया है कि इस परीक्षा को पास करने के लिए प्रत्येक छात्र से डेढ़ से दो लाख रुपये लिए गए थे। यह सब ईमानदार छात्रों के साथ बड़ा अन्याय है।

फडणवीस सरकार ने एक निजी कंपनी को टीईटी का काम सौंपा था। शिक्षकों की भर्ती की तरह ही तलाठी, ग्राम सेवक व कृषि सहायकों की भर्ती में भी घोटाला हुआ। इस प्रक्रिया को एक निजी कंपनी के माध्यम से चलाने से घोटाला हुआ है। पटोले ने यह भी कहा कि यह घोटाला मध्य प्रदेश के 'व्यापम' घोटाले के समान है और शिंदे फडणवीस सरकार को इस घोटाले के दोषियों और फर्जी लाभार्थियों के खिलाफ बिना किसी का समर्थन किए कार्रवाई करनी चाहिए।

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