उत्तर प्रदेश के इटावा ज़िले के डदरपुर गाँव में एक गंभीर और शर्मनाक घटना सामने आई है, जहाँ एक धार्मिक प्रवचनकर्ता (कथावाचक) और उनके साथी के साथ जातिगत आधार पर दुर्व्यवहार किए जाने का आरोप लगा है।
इस मामले में आरोपियों की पहचान निक्की अवस्थी (30 वर्ष), प्रथम दुबे (24 वर्ष), आशीष तिवारी (21 वर्ष) और उत्तम अवस्थी (19 वर्ष) के रूप में हुई है।
घटना शनिवार, 21 जून को उस समय हुई जब कथावाचक मुकुट मुन्नी ने खुद को एक ब्राह्मण के रूप में पहचान दी, जिससे गाँव के कुछ लोगों ने आपत्ति जताई। कथित तौर पर यह आपत्ति इतनी बढ़ गई कि कथावाचक और उनके सहयोगी — जो एक पिछड़े वर्ग से संबंध रखते हैं — के साथ मारपीट की गई, उनका सिर मुँडवा दिया गया और उन पर मानव मूत्र फेंकने का अमानवीय कृत्य भी किया गया।
इस पूरे मामले की शिकायत भोपाल स्थित डॉ. अंबेडकर जनकल्याण समिति द्वारा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) से की गई, जिसमें पीड़ितों के साथ हुए जातिगत उत्पीड़न और अमानवीय व्यवहार का उल्लेख किया गया है।
NHRC ने इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) से इस मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट (Action Taken Report) जल्द से जल्द प्रस्तुत करने को कहा है।
यह घटना न केवल सामाजिक ताने-बाने को झकझोरती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि आज भी समाज में जातिगत भेदभाव और अमानवीयता किस हद तक मौजूद है।
आगे की कार्रवाई:
पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है और मामले की जांच जारी है।
NHRC की निगरानी के चलते अब प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है कि वह निष्पक्ष जांच कर उचित कानूनी कदम उठाए।
यह मामला यह भी दिखाता है कि आज भी धर्म और जाति के नाम पर इंसानियत को शर्मसार किया जा सकता है, और ऐसे अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।