कैसे हुई Shiv Sena की शुरुवात ?

Update: 2025-06-17 14:32 GMT

योगेश त्रिवेदी, दशकों से राजनीतिक रिपोर्टिंग में अग्रणी रहे हैं। हाल ही में उन्होंने Max Maharashtra Hindi चैनल पर एक इंटरव्यू में शिव सेना की स्थापना, विकास, संघर्ष और वर्तमान स्थिति पर बेहद गहराई से प्रकाश डाला।

 शिव सेना की शुरुआत — प्रारंभिक दौर

शुरुआत १९६६ में हुई — मुंबई में मराठी अस्मिता को लेकर जबरदस्त भावनाएं थीं और स्थानीय मराठी परिवारों की रक्षा की भावना जग रही थी।

बाला साहेब ठाकरे ने ‘मराठा मराठी माणूस’ के प्रतीक के रूप में शिव सेना की नींव रखी। त्रिवेदी बताते हैं कि ठाकरे चाहते थे कि मराठी लोग आर्थिक विकास में पिछड़े हुए नहीं रहे।

 शुरुआती संघर्ष

शिव सेना ने विरोध में सक्रिय रहकर लोकल मराठी कामगारों को मोर्चे पर रखा।

त्रिवेदी ने बताया कि शुरुआती दिनों में उन्होंने मुंबई के बंदर और शहर के निर्माण कार्यों में स्थानीय मराठियों को तरजीह दिलवाने की काफ़ी रणनीति अपनाई।

 राजनितिक सफर की शुरुआत

पत्रकार त्रिवेदी के मुताबिक, ८०-९० के दशक तक शिव सेना केवल गली-गली में सक्रिय एक सामाजिक समूह से बदलकर राजनैतिक दल बन चुका था।

१९९५ में पहला विधानसभा चुनाव जीतकर शिव सेना ने सत्ता में एंट्री की। इस सफलता के बाद उन्होंने बहुजन समाज पार्टी, भाजपा और कांग्रेस सहित कई राजनीतिक क्षमताओं से गठबंधन किया।

 गठबंधन और राजनीति

त्रिवेदी ने समझाया कि शिव सेना ने भाजपा के साथ मिलकर केंद्र और राज्य दोनों में कई बार सरकार बनाई।

हालांकि ये साझेदारी समय-समय पर टूटती रही, लेकिन शिव सेना ने अपनी पहचान कायम रखी।

 विवाद, विभाजन और वर्तमान

हाल के वर्षों में शिव सेना भूमंडलीकरण, आंतरिक विवाद और प्रमुख नेतृत्व की कमी से जूझ रही है।

त्रिवेदी का मानना है कि पार्टी टूट के कगार पर रही है, लेकिन उसके विचारक और कार्यकर्ता अभी भी उसकी ताकत हैं।

 प्रमुख बिन्दु — योगेश त्रिवेदी की व्याख्या में

पक्ष विवरण

शुरुआती मकसद मराठी अस्मिता की रक्षा और स्थानीय बेरोजगारों की मदद

राजनीतिक मोड़ सामाजिक आंदोलन से चुनावी राजनीति में रूपांतरण

गठबंधन रणनीति भाजपा समेत अन्य दलों के साथ साझेदारी

वर्तमान स्थिति नेतृत्व संक्रमण व आंतरिक विभाजन

 पूरा इंटरव्यू देखें

इस लेख में योगेश त्रिवेदी द्वारा दिए गए अनेक दिलचस्प तथ्य और महत्वपूर्ण आँकड़े संक्षेप में शामिल हैं। अधिक जानकारी, सटीक उद्धरण और पूरी कहानी के लिए आप यह इंटरव्यू Max Maharashtra Hindi के YouTube चैनल पर देख सकते हैं।

 “शिव सेना का इतिहास, संघर्ष, राजनीतिक सफर और वर्तमान उत्पीड़न—सबकुछ विस्तार से समझाया गया है।”

 निष्कर्ष

योगेश त्रिवेदी के विश्लेषण से सामने आया मंडल — शिव सेना का सफर मराठी अस्मिता आंदोलन से शुरू होकर राजनीतिक गठबंधन और विभाजन तक पहुँच चुका है। इस दल का इतिहास चाहें प्रेरणादायक हो या विवादास्पद, यह भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण अध्याय रहा है।

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