मेडिकल कॉलेज दोगुने हुए, स्वास्थ्य के बजट में भी इजाफा, सपा पर बरसे- डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक

Update: 2022-09-21 11:41 GMT

स्पेशल डेस्क, मैक्स महाराष्ट्र, लखनऊ: बाहर बादल बरस रहे थे और सदन के भीतर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, आसमान से हो रही बारिश इमारतों और सड़कों को धुल रही थीं और सदन में ब्रजेश पाठक सपा को। विधानसभा के मॉनसून सत्र में बुधवार को डिप्टी सीएम ने कहा समाजवादी पार्टी झूठ के ढेर पर खड़ी है। जनता को गुमराह करने के लिए झूठे आंकड़े पेश करती है। सपा शासनकाल में स्वास्थ्य विभाग के बजट की बंदरबांट होती थी। महकम लूट का अड्डा था। भाजपा सरकार विरासत में मिली बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में जुटी है।

सदन में लगभग 10 मिनट बोलने के दौरान डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने शायरी के जरिए नेता प्रतिपक्ष अखिलेश को इंगित करते हुए कहा... वो समझने लगे थे कि आस्तीन छुपा लेगी गुनाह उनके, लेकिन गजब हुआ की सनम बोलने लगे...। डिप्टी सीएम ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर किया जा रहा है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के बजट में इजाफा किया गया है। वर्ष 2016 में स्वास्थ्य विभाग का बजट 14 हजार आठ सौ 11 करोड़ रुपये था। जिसे बढ़ाकर 29 हजार एक सौ 65 करोड़ रुपये किया गया है। सपा के कार्यकाल में चिकित्सा शिक्षा विभाग का बजट करीब एक हजार नौ सौ 14 करोड़ रुपए था। इसे बढ़ाकर नौ हजार सात सौ 10 करोड़ रुपये किया गया। भाजपा सरकार ने न सिर्फ बजट बढ़ाया। बल्कि बजट में बंदरबांट और भ्रष्टाचार पर नकेल कसी। निगरानी तंत्र बढ़ाया।

मैं निरीक्षण करता हूँ, सपाई को पीड़ा होती है

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि सरकारी अस्पताल व मेडिकल कॉलेजों में लगातार निगरानी की जा रही है। मैं खुद प्रदेश भर के अस्पतालों में छापेमारी कर रहा हूँ। सपाई एसी कमरों से बाहर नहीं निकलते। मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं सपा बर्दाश्त नहीं कर पा रही है।

नेता प्रतिपक्ष की सदन में सड़क छाप भाषा, जनता देगी जवाब

डिप्टी सीएम ने अखिलेश यादव की सदन में भाषा को सड़क छाप करार दिया। कहा इस भाषा का जवाब प्रदेश की जनता देगी। मैं इसकी निंदा करता हूँ।

मेडिकल कॉलेज व सीटें दोगुनी हुई

डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2017 में कुल 17 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे। इसमें एमबीबीएस की 1840 सीटें थे। वहीं निजी क्षेत्र के 25 मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 3550 सीटें थी। अब प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की तैयारी है। चार साल में 18 सरकारी मेडिकल कॉलेज खुले। अब कॉलेजों की संख्या 35 हो गई है। इनमें 3828 एमबीबीएस की सीटें हो गई हैं। दोगुने से अधिक कुल 1988 एमबीबीएस सीटों में वृद्धि हो चुकी है। पांच निजी मेडिकल कॉलेज खुले। निजी क्षेत्र में कॉलेजों की संख्या 30 हो गई है। इसमें एमबीबीएस की 1050 सीटें बढ़ी। अब निजी क्षेत्र मे कुल 4600 एमबीबीएस सीटें हो गई हैं।

बृजेश पाठक ने समापन में शायरी के जरिए विपक्ष को दी नसीहत। कहा...नफरत की एक बूंद ही माहौल बदनुमा कर गई,जहां से आया है ये झूठ और फरेब का जहर वो दरिया कैसा होगा।

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