नई सरकार के गठन को एक महीना हो गया है, लेकिन राज्य की दृष्टि से यह एक त्रासदी है कि कोई कैबिनेट नहीं है - महेश तपाले

विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार विदर्भ, मराठवाड़ा के दौरे पर हैं, जो गुरुवार से भारी बारिश की चपेट में है। विपक्ष के नेता अजित पवार गुरुवार से गढ़चिरौली, चंद्रपुर, नागपुर, नांदेड़, बीड जिलों का दौरा करेंगे। विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार गुरुवार (28 जुलाई) से विदर्भ, मराठवाड़ा सहित राज्य के भारी वर्षा और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर जा रहे हैं और अपने दौरे के दौरान वे इससे हुए नुकसान की जानकारी लेंगे. स्थानीय नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से भारी बारिश।

Update: 2022-07-27 13:15 GMT

मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे ने शिंदे सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह राज्य के लिए एक बड़ी त्रासदी है कि एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस को एक महीने के लिए शपथ दिलाई गई है। सरकार बनने के बाद अब तक 90 से ज्यादा किसान आत्महत्या कर चुके हैं, जबकि साढ़े आठ लाख हेक्टेयर कृषि किसानों के हाथ से चली गई है. सरकार ने अभी तक इन किसानों को राहत देने का फैसला नहीं लिया है। कैबिनेट विस्तार के नाम पर उन्हें दिल्ली जाना पड़ रहा है। दिल्ली वालों का एहसान बरकरार रखना होगा। फिर भी महेश चेखे ने सवाल पूछा है कि कब तक दिल्ली जाकर और दिल्ली से कैबिनेट विस्तार के लिए हरी झंडी नहीं मिलने से आप खुद को अपमानित कर रहे हैं। महाराष्ट्र के एनसीपी मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे ने राज्य की नई एकनाथ शिंदेऔर देवेंद्र फड़णवीस की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है,की आज ईडी की सरकार बने 26 दिन बीत चुके हैं.....और इन 26 दिनों में तकरीबन 90 किसानों के आत्महत्या कर ली है लेकिन सरकार का ध्यान किसानों की ओर नहीं है। महाराष्ट्र के हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए तपासे ने कहा कि आज हालात ऐसे बन गए है किसान आत्महत्या कर रहे सरकारी मुआवजा लोगों तक नहीं पहुंचा है सरकार विपक्ष की कोई बात नहीं मान रही है। आखिर दो मंत्रियों के मंत्रिमंडल वाली सरकार का ध्यान कहा है दोनों नेताओं का दिल्ली दौरा जारी है।

आगे महेश तपासे ने ये भी कहा है कि राज्य में इस समय भारी बारिश और बाढ़ के कारण कुल 08 लाख हेक्टर जमीन की फसल पूरी तरह से बर्बाद ही चुकी है, लेकिन इस बद से बद्दतर हालात में भी राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिन्दे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस को किसानों के आंसू नही दिखाई दे रहे हैं। क्यों कि दोनो शिंदे और फड़णवीस दोनों भी दिल्ली के चक्कर काटने में और राज्य की पूर्व महाविकस आघाड़ी सरकार ने जो निर्णय लिए थे,उनको उलटने पलटनेमें मस्त है। उनके पास राज्य के किसानों के आंसू पोछने का समय नही है, 26 दिनों में 90 किसानों की आत्महत्या और तकरीबन 08 लाख हेक्टर जमीन पर की फसल का नुकसान हो गया...फिर भी हमारे मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री अब तक न तो कैबिनेट का विस्तार कर सकते है, और न ही मानसून अधिवेशन कब होगा...इस बात का निर्णय ले सकते है। आगे महेश तपासे ने शिन्दे और फड़नविश कि इस ईडी की सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया है कि इस समय राज्य किसके भरोसे चल रहा है,और किसान किसके भरोसे आगे अपना काम करे, जरूरत है, की इस समय राज्य के मुख्यमंत्री लोगों के बीच जाकर..किसानों के बीच जाकर राहत दिलाने का काम करे। 



अजित पवार गुरुवार 28 जुलाई को गढ़चिरौली, चंद्रपुर और नागपुर जिलों के भारी बारिश प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे. वह शुक्रवार 29 जुलाई को यवतमाल जिले के वर्धा के भारी बारिश प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे. शनिवार 30 जुलाई को नांदेड़, परभणी, हिंगोली और बीड जिलों के भारी बारिश प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे। राज्य में भारी बारिश के कारण 110 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जिससे कृषि भूमि और फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है। इसी पृष्ठभूमि में अजित पवार ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राज्य में सूखा घोषित करने और भारी बारिश से प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए विधायिका का सत्र बुलाने की मांग की है।

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