पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर से मैक्स महाराष्ट्र की बातचीत, कहाभविष्य वर्तमान में दिखता है, हम वर्तमान में उस अवस्था में हैं
मुंबई और नवी मुंबई के कुछ नगरसेवकों के शिंदे समूह में शामिल होने की उम्मीद है। इस सिलसिले में मुंबई की पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर ने मैक्स महाराष्ट्र से बात की है। पहले विधायकों अपनी ओर किया अब नगरसेवक अपनी ओर करने में हावी साबित हो रहे है एकनाथ शिंदे। खबर है कि बुधवार को ठाणे के 67 नगरसेवकों कईयों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट का दामन थाम लिया है लेकिन इसकी कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
शिवसेना से पहले ही करीब 40 विधायकों को अपनी ओर कर शिंदे पार्टी शिवसेना प्रमुख के विचारधारा पर लेकर चलने को लेकर उस पर अपना दबदबा मान रहे है पार्टी में संख्या बल जिसके साथ वो पार्टी का निर्णायक शिंदे गुट द्वारा पूरे महाराष्ट्र सांसदों, नगरसेवकों और पार्टी पदाधिकारियों को जोड़कर रखने की कवायद कर रहे हैं। इसका सीधा असर ठाणे महानगरपालिका चुनाव में देखने को मिल सकता है। पिछले तीन दिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे सांसद डॉ. श्रीकांत पंडित सभी को पार्टी से अपनी ओर जोड़ने का तूफानी अभियान चला रहा है।
मुंबई सहित आसपास के इलाके में पार्टी से नगरसेवकों पदाधिकारियों के जाने को लेकर मैक्स महाराष्ट्र ने मुंबई की पूर्व महापौर किशोरी पेडणेकर से बात की हमने उनसे इस मुद्दे पर बात की तो सुने उनका जवाब क्या था। यह खबर कोई नई नहीं है, जो गया वो गया, जो बचे है उनके साथ मिलकर काम करेगें। क्या यह कुछ नया नहीं है? कोंकण में नारायण राणे जहां पार्टी से निकलने का ऐलान किया था वहां क्या हुआ था, नतीजा सामने है वह कोंकण पराजित हुए। जो लोग जाना चाहते हैं उन्हें उनका फैसला लेने दें जो उनके लिए सबसे अच्छा मौका मिलता है?
प्रश्नः एकनाथ शिंदे कल मुंबई महानगर पालिका में गए थे। वह मुंबई महानगरपालिका के शिवसेना पार्टी कार्यालय में जाने के बजाय भाजपा नगरसेवकों कार्यालय गए? इसके उत्तर में उन्होंने कहा कि शिवसेना के सभी नगरसेवकों को बुरा लगा। कल रुकने वाले तमाम नगरसेवक कह रहे थे कि मैं शिवसैनिक हूं तो शिवसैनिक का स्वागत करना चाहिए, लेकिन नहीं आए, तो नहीं आए
प्रश्न: यदि एकनाथ शिंदे भाजपा कार्यालय जाते हैं, तो क्या वह शिवसेना के कुछ नगरसेवकों को विभाजित करके और भाजपा समूह में शामिल होकर बीएमसी पर हावी होने की कोशिश करेंगे? इसके उत्तर उन्होंने कहा कि आखिर आपको वोट कौन देता है। क्या लोकतंत्र का इतना गला घोंटने वाला है? यानी मतदाताओं को ध्यान में रखा गया. आपको अन्य लोगों के प्रति जो सहायता प्रदान करते हैं, उसमें आपको अधिक भेदभावपूर्ण होना होगा। मैं किसी समूह पर नहीं बोलूंगी, मैं केवल शिवसेना समूह पर बोलूंगी... क्या यह लोगों की भलाई के लिए गये? चलिए देखते हैं क्या होता है आगे ...
प्रश्न: आप आगामी मुंबई महानगर पालिका चुनाव कैसे जीतने जा रहे हैं और आप नगरसेवकों को कैसे प्रतिबद्ध रखेंगे? उत्तर: भविष्य वर्तमान में दिखता है, इसे बनाना मतदाताओं और सैनिकों पर निर्भर है। कहा जाता है कि बाघ अगर लंबी छलांग लगाना चाहता है तो वह रुक जाता है। हम वर्तमान में उस अवस्था में हैं।