गर्मी से बचाव के लिए करें जरूरी इंतजाम: ब्रजेश पाठक
अस्पतालों में दवा, जांच की पुख्ता व्यवस्था की जाए, गर्मी से बचाव के लिए शेल्टर्स की व्यवस्था करें
स्पेशल डेस्क मैक्स महाराष्ट्र /लखनऊ - तापमान तेजी से बढ़ रहा है। लोगों को गर्मी से बचाव के मद्देनजर सभी विभाग मिलकर तैयारी करें। गर्मी में तमाम तरह की बीमारियां भी घेर लेती हैं। ऐसे में लोग सावधानी बरतें। बीमारी की दशा में अस्पताल पूरी तरह से तैयार रहें। ये निर्देश उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने दिए। उप मुख्यमंत्री ने निर्देश के बाद प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सभी सरकारी अस्पताल के लिए निर्देश जारी कर दिया है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि वैज्ञानिकों ने गर्मी का प्रकोप अधिक रहने की आशंका जाहिर की। देश के अधिकांश क्षेत्रों में मार्च में तापमान सामान्य से अधिक रहने की भी आशंका जाहिर की गई है। ऐसे में हीट रिलेटेड इलनेस की आशंका भी बढ़ गई है।
अधिक भीड़-भाड़ वालों स्थानों पर जान से बचें
भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जनमानस हेतु शीतल एवं शुद्ध पेयजल की व्यवस्था कराई जाये। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि गर्मी से बचाव के लिए शेल्टर्स के इंतजाम किये जाये। व्यस्त स्थानों पर मौसम के पूर्वानुमान तथा तापमान का डिस्प्ले करने की व्यवस्था की जाये। हीट वेव से बचाव हेतु उपायों का जनमानस में व्यापक प्रचार-प्रसार। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालयों में हीट वेव से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रचार प्रसार करें। राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत गर्मी से संबंधित बीमारियों पर दैनिक निगरानी की जाए। इसके लिए सभी जनपदों में अलर्ट मोड में रहें। सभी स्वास्थ्य इकाई एवं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को पी-फॉर्म पर सूचना अंकित करने के लिये लॉगिन उपलब्ध हो। निर्धारित प्रारूपों के अनुसार समस्त गर्मी व उससे प्रभावित चिन्हित रोगियों एवं उससे हुई मृत्यु की लाइन लिस्ट उपलब्ध हों। साथ ही संलग्न रिपोर्टिंग प्रपत्र पर दैनिक रिपोर्ट भी दिनांक 15 मार्च से प्रतिदिन शाम चार बजे तक ईमेल npcchhup@gmail.com एवं idspup@gmail.com पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।आशा घर-घर भ्रमण के दौरान एएनएम व वीएचएनडी गर्मी से सम्बन्धित बीमारियों से ग्रस्त रोगियों को चिन्हित करें। उन्हें मुफ्त इलाज मुहैया कराने में मदद करें। लक्षणों के आधार पर उनका अंकन आईएचआईपी के एस-फार्म पर सुनिश्चित किया जाये।
ये भी उठाये कदम
-सरकारी डॉक्टर, पैरामेडिकल, कम्यूनिटी हेल्थ ऑफीसर एवं फ्रंटलाइन वर्कर्स का प्रशिक्षण एवं संवेदीकरण प्राथमिकता के आधार पर किया जाना आवश्यक है। जिसमें इन रोगों की शीघ्रतापूर्वक पहचान तथा उपचार के विषय में भी बताया जाए।
-आवश्यक औषधियों इंट्रावीनस फ्लूड्स, आइस पैक्स, ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्ट इत्यादि की पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध
-आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता एवं क्रियाशीलता
-चिकित्सा इकाइयों पर पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पेयजल की उपलब्धता की जाये
-वार्ड में एसी, कूलर व पंखे का इंतजाम किया जाये
-चिकित्सा इकाइयों के क्रिटिकल क्षेत्रों में उपकरणों के लिए निश्चित तापमान के इंतजाम रखने की पुख्ता व्यवस्था की जाये।
-अत्यधिक तापमान की स्थितियों का सामना करने के लिए चिकित्सा इकाइयों पर कूलिंग उपकरणों की निरंतर क्रियाशीलता सुनिश्चित की जाए। इसके लिये बिजली आपूर्ति बेहतर रखी जाये
-खिड़कियों पर तथा खुले क्षेत्रों में शेड लगाये जायें।