1840 फीट की ऊंचाई पर एशिया में सबसे ऊंचा भांबवाली जलप्रपात है, का देखे ड्रोन वीडियो मैक्स महाराष्ट्र पर

Update: 2022-07-26 10:24 GMT

एशिया महाद्वीप प्रकृति का वरदान, सतारा जिले का सौहार्द भांबवली जलप्रपात

सतारा: प्रकृति से धन्य धरोहर सतारा जिला में है जो दुनिया सबसे बडा सबसे ऊंचे जलप्रपात के रूप में है। हमारे यहां पर सैलानियों के आने का तांता लगा रहता है लेकिन बारिश के इस सीजन में यह आकर्षण का केंद्र बना है। घूमने के लिए कई जगह हैं जैसे कास पठार, विभिन्न दुर्लभ फूलों के साथ, कास झील, पंचगनी महाबलेश्वर और थोसेघर जलप्रपात जैसी ठंडी हवा वाली जगहें है। इसी सतारा जिले में एशिया के सबसे ऊंचे जलप्रपात के रूप में जाना जाने वाला भांबावली जलप्रपात पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। हम विशेष रूप से लोकतंत्र के दर्शकों के लिए ड्रोन कैमरे से भांबावली जलप्रपात का विहंगम दृश्य लेकर आए हैं। 



1840 फीट की ऊंचाई के साथ एशिया का सबसे ऊंचा जलप्रपात है। महाराष्ट्र सरकार की आधिकारिक वेबसाइट एमसीडीसी ने जानकारी दी है। 3 चरणों में गिरने वाला यह जलप्रपात भारत का सबसे ऊंचा और सबसे सुंदर जलप्रपात है... यहां पर प्रकृति के मुक्त हाथ को देखकर पर्यटक दंग रह जाते हैं। इस जगह मानसून के मौसम में इस जगह पर कई छोटे-बड़े झरने देखे जा सकते हैं। घनी झाड़ियों, घने कोहरे और आसमान से गिरने वाली भारी बारिश का माहौल किसे पसंद नहीं होगा। ट्रेकिंग पसंद करने वाले कई शौक़ीन और पर्यटक इस जगह पर आते हैं। हालांकि, बहुत ही खूबसूरत और प्रकृति से घिरा यह जलप्रपात कई कठिनाइयों और समस्याओं के कारण अपेक्षित रहता है।



लोग शांति और सुकुन के लिए इन जगहों पर मन शांत करने के लिए आते,पहाड़ों को टेढ़े मेढ़े रास्तों से गुज़रते हुए पानी के झरनों की मधुर आवाज़ किसे उत्साहित नहीं करती? अपने खूबसूरत सफ़र में पानी के इस मधुर आवाज़ को सुनते हुए, अंत में उस पानी की आवाज़ को खुद से बनते देखना एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला सुखद अनुभव होगा। खासकर मॉनसून से पहले और मॉनसून के बाद का मौसम ऐसी जगहों की सैर कर करने के लिए सबसे बेहतरीन होता है। लोगों इन्ही समय में इसका लुप्त उठाने के लिए यहां पर आते है। निःसंदेह ही शानदार थोसेघर जलप्रपात महाराष्ट्र के सबसे खूबसूरत जल प्रपातों में से एक है। एक खूबसूरत जलप्रपात की रचना करती है। मुंबई, दिल्ली, गुजरात जैसे बड़े राज्यों के महानगरों में काम में व्यस्त रहने वाले लोग मन की शांति के लिए साल में एक या दो बार जरूर यहां पर आते है। 



जल प्रतात और खूबसूरत हरे-भरे पहाड़ियों की ऊँची ढलानों से ढलता दूध की तरह सफ़ेद पानी का गिरना ह्रदय को  कई संवेदनाओं से झकझोर कर रख देने वाला दृश्य की रचना मानव पटल पर नजर आने लगती है, जिसे देख आपको अद्भुत नैनम सुखम की अपार तरंगे मन में उठने से कई अनुभव का आनंद आता है। इस दृश्य के चलते इंसान अपनी सारी दुख व्यथा को भूल कर प्रफुल्लित हो जाता है।

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