मुंबई: विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी का नाम तब आता है जब बैंक के साथ करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की बात आती है। हालांकि इस साल देश में बैंक फ्रॉड की संख्या में कमी आई है, लेकिन यह रकम अब भी करोड़ों रुपये में है। 100 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की बात इस साल सामने आयी है।
रिजर्व बैंक आफ इंडिया RBI की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021-22 में 100 करोड़ रुपये से अधिक धोखाधड़ी के मामलों में शामिल राशि पिछले वित्तीय वर्ष में 1.05 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 41,000 करोड़ रुपये थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में धोखाधड़ी के मामलों की संख्या 2021-22 में घटकर 11 हो गई, जो 2020-21 में 265 थी। जहां तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की बात है तो 100 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के मामलों की संख्या 167 से घटकर 80 हो गई है, जबकि निजी क्षेत्र के बैंकों में ऐसे मामलों की संख्या 98 से घटकर 38 हो गई है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक धोखाधड़ी में शामिल राशि 2020-21 में 65,900 करोड़ रुपये से घटकर 28,000 करोड़ रुपये रह गई है। निजी क्षेत्र के एक बैंक के लिए यह राशि 39,900 करोड़ रुपये से घटकर 13,000 करोड़ रुपये हो गई है। इस साल की शुरुआत में, SBI ने ABG शिपयार्ड और उसके प्रमोटरों द्वारा 22,842 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी देखी। यह राशि नीरव मोदी द्वारा पंजाब नेशनल बैंक के साथ की गई 14,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की दोगुना है।