कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को लिखा 8 पन्नों का ख़त

Update: 2020-12-18 06:31 GMT

नई दिल्ली: कृषि कानून के खिलाफ किसानों के चल रहे प्रदर्शन को आज 23वां दिन हो चुका है. किसानों और सरकार के बीच अब तक 5 से 6 स्तर की बात हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हो पाई है. किसानों के इस प्रदर्शन को देखते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने गुरूवार को 8 पन्नों का पत्र लिखा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे विनम्र संवाद करने का प्रयास बताया हैं और किसानों से उसे पढ़ने का आग्रह किया है. चिट्‌ठी में तोमर ने लिखा है कि कुछ लोग किसानों के बीच लगातार झूठ फैला रहे हैं. किसानों को उनकी बातों में नहीं फंसना चाहिए. चिट्ठी में कृषि कानूनों को लेकर फैलाए गए झूठ पर सफाई भी दी गई है. कृषि मंत्री ने पत्र की प्रति ट्विटर पर भी साझा की.

पीएम मोदी ने उनके ट्वीट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, 'कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर जी ने किसान भाई-बहनों को पत्र लिखकर अपनी भावनाएं प्रकट की हैं, एक विनम्र संवाद करने का प्रयास किया है. सभी अन्नदाताओं से मेरा आग्रह है कि वे इसे जरूर पढ़ें. देशवासियों से भी आग्रह है कि वे इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं'.

कृषि मंत्री ने लिखा कि पिछले छह साल में हमारी सरकार ने किसानों का मुनाफा बढ़ाने और खेती को आसान बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं. इनका फायदा छोटे किसानों को मिल रहा है. पीएम किसान सम्मान निधि के जरिए छह हजार रुपये सालाना देने का मकसद यही था कि इन किसानों को कर्ज न लेना पड़े. फसल बीमा, सॉयल हेल्थ कार्ड और नीम कोटिंग यूरिया जैसी योजनाएं शुरू की गई हैं. किसानों के सामने दिक्कत थी कि ज्यादातर गोदाम और कोल्ड स्टोरेज सेंटर गांवों से दूर शहरों के पास बने थे. इससे किसानों को उनका फायदा नहीं मिलता था. इसके के लिए सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये का फंड बनाया है.

तोमर ने आगे लिखा कि मंडियां बंद नहीं होंगी. ये चलती रहेंगी. उन्हें और मजबूत किया जा रहा है. विपक्षी दल इसे लेकर झूठ फैला रहे हैं. उनकी राजनीतिक जमीन खिसक चुकी है. कृषि मंत्री ने कहा कि एमएसपी, मंडी और जमीन पर को को लेकर जो भ्रम फैलाया जा रहा है, उसे दूर करने के लिए सरकार लगातार कोशिश कर रही है.

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