मुंबई। सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच को लेकर मुंबई पुलिस पर कई तरह के सवाल उठे हैं. इस बीच मुंबई पुलिस ने कहा है कि सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ कैंपेन चलाया जा रहा है. पुलिस को बदनाम करने के लिए 80 हजार से ज्यादा फेक अकाउंट्स बनाए गए हैं. इनमें से ज्यादातर अकाउंट्स विदेशों से चलाए जा रहे हैं.
मुंबई पुलिस ने इस मामले में 2 एफआईआर दर्ज की हैं, जिसमें तमाम सोशल मीडिया और फर्जी अकाउंट्स के जरिए मुंबई पुलिस कमिश्नर की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाया गया है.डीसीपी-साइबर सेल रश्मि करंदीकर ने कहा कि मुंबई पुलिस कमिश्नर को ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे विभिन्न प्लेटफार्मों पर बदनाम करने के साथ ही उनके (पुलिस कमिश्नर) और मुंबई पुलिस के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के लिए आईटी एक्ट के तहत 2 एफआईआर दर्ज की गई है.
डीसीपी-साइबर सेल रश्मि करंदीकर के मुताबिक, पहली एफआईआर मुंबई पुलिस कमिश्नर और फोर्स को सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से बदनाम करने से संबंधित है. दूसरी एफआईआर मुंबई पुलिस आयुक्त के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट की फर्जी तस्वीर को वायरल करने के संबंध में है. हम दोनों मामलों की जांच कर रहे हैं.इसके पहले पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने कहा कि मुंबई पुलिस को बदनाम करने के लिए 80,000 से अधिक फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाए गए थे. कमिश्नर ने बताया कि अधिकांश फेक अकाउंट्स का प्रॉक्सी सर्वर विदेशों का है.साइबर सेल की रिपोर्ट में पता चला है कि मुंबई पुलिस के खिलाफ की गईं पोस्ट को इटली, जापान, पोलैंड, स्लोवेनिया, इंडोनेशिया, तुर्की, थाईलैंड, रोमानिया जैसे दुनिया के विभिन्न देशों से किया गया था।