श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तारीख को लेकर पंडितों की अलग-अलग राय आ रही है। यूं तो का त्योहार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है, लेकिन इस बार तिथियों की घट-बढ़ के कारण मतभेद है। कोई 11 अगस्त बता रहा है तो कोई 12 अगस्त। अधिकांश पंचांग में इसके लिए 12 अगस्त की तारीख तय की गई है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, अष्टमी तिथि 11 अगस्त सुबह 9 बजकर 6 मिनट से शुरू हो जाएगी और 12 अगस्त सुबह 11 बजकर 16 मिनट तक रहेगी। वैष्णव जन्माष्टमी के लिए 12 अगस्त का शुभ मुहूर्त बताया जा रहा है। बुधवार की रात 12.05 बजे से 12.47 बजे तक भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जा सकती है। इस बार एक विशेष योग बन रहा है। पंडितों के अनुसार, उसी दिन कृतिका नक्षत्र लगेगा। यही नहीं, चंद्रमा मेष राशि और सूर्य कर्क राशि में रहेंगे। कृतिका नक्षत्र और राशियों की इस स्थिति से वृद्धि योग बना रहा है। इस तरह बुधवार की रात के बताए गए मुहूर्त में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से दोगुना फल मिलेगा।
12 अगस्त को दिन पूरा देश अपने कान्हा की भक्ति में रम जाएगा। हालांकि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण इस बार की Janmashtami थोड़ी फीकी जरूर रहेगी। सरकारों और स्थानीय प्रशासन की ओर से लोगों से अपील की जा रही है कि वे घरों में रहकर ही Janmashtami मनाएं। अधिकांश स्थानों पर मंदिर नहीं खुलेंगे। खबर है कि मथुर में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भव्य आयोजन नहीं हो पाएगा। मटकी फोड़ कार्यक्रमों की इजाजत भी नहीं मिलेगी।