Report>भारत में 2030 तक गर्भ में ही मार दी जाएंगी 68 लाख लड़कियां

Update: 2020-08-31 14:01 GMT

नई दिल्ली. भारत में Abortion के चलते 2030 तक लड़कियों के जन्म के आंकड़े में 68 लाख की कमी आएगी और सबसे ज्यादा कमी उत्तर प्रदेश में होगी. सऊदी अरब की किंग अब्दुल्ला यूनिवसिर्टी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी और यूनिवर्सिटे डे पेरिस, फ्रांस के शोधकर्ताओं ने कही है.भारत में प्रसव पूर्व लिंग चयन और सांस्कृतिक रूप से लड़कों को अधिक प्राथमिकता दिए जाने की वजह से 1970 के दशक के समय से जन्म के समय लैंगिक अनुपात में असंतुलन रहा है.

शोधकर्ताओं ने कहा कि इस तरह के असंतुलन से प्रभावित दूसरे देशों के विपरीत भारत में लैंगिक अनुपात में असंतुलन क्षेत्रीय विविधता के हिसाब से अलग-अलग है. पत्रिका ‘पीएलओएस वन’ में प्रकाशित हालिया अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा है कि लड़कियों के जन्म में सर्वाधिक कमी उत्तर प्रदेश में सामने आएगी जहां 2017 से लेकर 2030 तक अनुमानत: 20 लाख कम लड़कियां पैदा होंगी. समूचे भारत में 2017 से 2030 तक 68 लाख कम लड़कियां पैदा होंगी.’

शोधकर्ताओं ने कहा कि 2017 से 2025 के बीच प्रतिवर्ष औसतन 4,69,000 कम लड़कियां पैदा होंगी. वहीं, 2026 से 2030 के बीच यह संख्या प्रतिवर्ष लगभग 5,19,000 हो जाएगी. भारत में 1994 में चुनिंदा लैंगिक गर्भपात और प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण पर रोक लगा दी गई थी.

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