सांगली में 400 साल पुराने पेड़ को बचाया, यूं बदल दिया हाइवे का नक्शा

Update: 2020-07-25 08:24 GMT

मुंबई। राज्य के सांगली के भोसे गांव के लोगों ने एक 400 साल पुराने बरगद के पेड़ को कटने से बचा लिया। जैसे ही गांव वालों को इसका पता चला वे चारों ओर से पेड़ को घेर कर खड़े हो गए और चिपको आंदोलन शुरू कर दिया। खबर राज्य के पर्यटन और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे तक पहुंची। उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को इस बारे में चिट्ठी लिखी। आखिरकार पेड़ कटने से बच गया। अब इसके लिए हाइवे का नक्शा बदला जाएगा। रत्नागिरी सोलापुर हाइवे पर यह पेड़ येलम्मा मंदिर के पास है। करीब 400 स्क्वैयर मीटर में फैला हुआ यह पेड़ यहां के लोगों की परंपरा से जुड़ा है। इस पर कई किस्म की चिड़ियों और जानवरों को भी देखा जाता रहा है। गडकरी ने इस पेड़ को बचाने के लिए हाइवे के नक्शे में ही बदलाव करके ये प्रोजेक्ट पूरा करने का आदेश दिया है। अब यह हाईवे भोसे गांव की जगह आरेखन गांव से होकर गुजरेगा। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के अधिकारियों ने कहा कि पेड़ के तने को नहीं काटा जाएगा। लेकिन, सड़क बनाने के लिए इसकी कुछ शाखाओं को कतरा जाएगा। पेड़ को सुरक्षित रखने के लिए करीब 20-25 मी.तक सड़क बनाने का काम रोका जाएगा। गांव वालों ने सह्याद्री संगठन नाम के एक ग्रुप की मदद से फेसबुक पर इस पेड़ का फोटो अपलोड करना शुरू किया। इस ग्रुप से कुछ ऐसे वीडियो भी अपलोड किए गए जिनमें पेड़ पर बंदरों को उछल-कूद करते नजर आ रहे थे। ऑनलाइन पिटीशन भी दायर की गई थी, जिसे चौदह हजार से ज्यादा लोगों का साथ मिला है।

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