#kokan:रिफाइनरी परियोजना से क्या नष्ट हो जाएगा फलों का राजा हापुस आम का कारोबार?
रत्नागिरी। कोंकण का हापुस आम विश्व में प्रसिद्ध है। हापुस आम और कोंकण का नाम ही काफी है। कोंकण की अर्थव्यवस्था आम के काश्तकारों, पर्यटन और मछली पकड़ने पर आधारित है। आम के उत्पादक संजय राणे, जो अपना पैतृक व्यवसाय चलाते हैं, कहते हैं, "आम का व्यवसाय हमारी आर्थिक रीढ़ की हड्डी है। हम इस पर अपना परिवार चलाते हैं। प्रकृति ने हमें बहुत कुछ दिया है, हम इस पर निर्भर हैं।
फिर इस तरह की परियोजनाएं यहां आती हैं और सरकार हमारे ऊपर एक तलवार लटका देती है। कोंकण में कई परियोजनाएं बंद हैं। सरकार केवल हमें रोजगार के लिए गाजर दिखा रही है ... हम इस रिफाइनरी परियोजना के कारण एक दिन में भूमिहीन हो जाएंगे, हम कैसे बच सकते हैं "यह सवाल संजय राणे जैसे हजारों बागवानों के सामने है। देखिए तेजस बोरघरे की नानार के साथ ग्राऊंड रिपोर्ट .. ।