बजट से देश व प्रदेश की जनता को गहरी निराशा हुई है - जयंत पाटील
पिछले 10 वर्षों से उपेक्षित गरीबों, महिलाओं, युवाओं, किसानों का अंतरिम बजट में जिक्र किया गया है. राकांपा प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटील का सरकार पर हमला
स्पेशल डेस्क मैक्स महाराष्ट्र / मुंबई :- केंद्रीय बजट ने देश और राज्य की जनता को निराश किया है। पिछले 10 वर्षों में गरीबों, महिलाओं, युवाओं, किसानों की सरकार ने उपेक्षा की गई है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज आखिरी बजट में उनकी याद आई है.
आज केंद्रीय वित्त मंत्री ने संसद में देश का अंतरिम बजट पेश किया. जयंत पाटील ने पार्टी के मुख्य कार्यालय में मीडिया को जवाब दिया. जयंत पाटील ने अपने बयान में कहा कि सरकार को महंगाई पर लगाम लगाने और बेरोजगारी दूर करने के लिए कुछ ठोस कदम उठाने चाहिए थे. सरकार कहती है कि 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है, 80 करोड़ लोगों को मुफ्त भोजन दे रही है, फिर हमारा देश भूख सूचकांक में 125 देशों में से 111 वें स्थान पर कैसे है? उन्होंने ये सवाल उठाया.
केंद्रीय अर्थमंत्री @nsitharaman यांनी सादर केलेले अंतरिम बजेट ही निव्वळ धूळबजट से देश व प्रदेश की जनता को गहरी निराशा हुई है - जयंत पाटील
फेक आहे. देशातील बेरोजगारी आणि महागाई कमी करण्यासाठी कोणतीही उपाययोजना या अर्थसंकल्पात नाही. या बजेट मध्ये देशातील दलित आणि आदिवासींसाठी नक्की काय आहे असा प्रश्न मला पडतो. अर्थसंकल्पात सर्वाधिक वेळा…
— Jayant Patil- जयंत पाटील (@Jayant_R_Patil) February 1, 2024
सरकार की ओर से कहा गया था कि 2022 तक सबको घर देंगे, अब कहते हैं 2047 तक देंगे. कहा गया था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जायेगी, आज किसान बहुत संकट में है. इस बजट से करदाताओं और मध्यम वर्ग को कुछ नहीं मिला. अगर इस बजट में जीएसटी कम किया जाता तो महंगाई पर बड़ा असर पड़ता, लोगों को राहत मिलती, लेकिन कुछ नहीं हुआ. जहां देश हर स्तर पर गिर रहा है वहीं हम भ्रष्टाचार में आगे बढ़ रहे हैं। हम 85वें नंबर पर थे और 93वें नंबर पर आ गये हैं. 2014 से पहले देश पर 54 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था, आज कर्ज 205 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. उन्होंने आशंका जताई कि अगर यही हालात रहे तो देश के हालात खराब हो सकते हैं.
केंद्र सरकार पायाभूत सुविधांसाठी बजेटमध्ये इतका पैसा खर्च करते, पण शेती, शिक्षण, आरोग्य, सामाजिक कल्याण या महत्त्वाच्या सुविधा नाहीत का?
— NCP (@NCPspeaks) February 1, 2024
केवळ पायाभूत सुविधांवर पैसा खर्च केला म्हणून विकास आणि प्रगतीची समीकरणं बदलतात हा सरकारचा भ्रम चुकीचा आहे.
कारण, देशाची प्रगती ही सर्वांगीण… pic.twitter.com/Tm3PwzzfXA