2020 में UP-महाराष्ट्र व इन राज्यों में महिलाओं पर इतना जुल्म क्यों?

Update: 2021-01-04 04:00 GMT

नई दिल्ली। साल 2020 कोरोना महामारी का वह गहरा घाव दे गया जिससे अभी भी दुनिया उबर नहीं पाई है। बीते साल में लोग लॉकडाउन जैसी पाबंदियों से जूझते रहे। इस दौरान बच्‍चे और महिलाओं को काफी परेशानियां हुईं। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा। राष्ट्रीय महिला आयोग के आंकड़ों के हवाले से घरेलू हिंसा को लेकर सनसनीखेज जानकारी मिली है। रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय महिला आयोग को वर्ष 2020 में पिछले छह सालों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की सबसे अधिक शिकायतें मिलीं।


 



एनसीडब्ल्यू के आंकड़ों के अनुसार, 23,722 शिकायतों में से करीब एक-चौथाई घरेलू हिंसा के मामलों की हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग के आंकड़ों के मुताबिक सर्वाधिक शिकायतें उत्तर प्रदेश से आई हैं। उत्तर प्रदेश में 11,872, दिल्ली में 2,635, हरियाणा में 1266 और महाराष्ट्र में 1188 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें से कुल 5,294 शिकायतें घरेलू हिंसा के हैं। 23,722 शिकायतों में से 7708 शिकायतें गरिमा के साथ जीवन के अधिकार के तहत की गई हैं।

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बताया कि आर्थिक असुरक्षा, तनाव के बढ़ते स्तर, चिंता, वित्तीय परेशानियां और परिवार से कोई भावनात्मक सहयोग नहीं मिलने के चलते वर्ष 2020 में घरेलू हिंसा के मामले बढ़ गए हैं। दंपती के लिए आजकल घर ही दफ्तर भी बन गया है। बच्चों के भी स्कूल और कालेज घर से ही खुल गए हैं। ऐसी सूरत में एक ही समय में महिलाएं घर और दफ्तर साथ-साथ संभाल रही हैं।

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