नए कृषि कानून पर कौन गलत जानकारी दे रहा,कृषि मंत्री या पूर्व कृषि मंत्री आया ये बयान?
दिल्ली/मुंबई। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पूर्व कृषि मंत्री NCP प्रमुख शरद पवार पर पलटवार करते हुए कहा है कि नए इकोसिस्टम के तहत मंडियां प्रभावित नहीं होती हैं. इसके बजाय वे सेवाओं और बुनियादी ढांचे के मामले में अधिक प्रतिस्पर्धी और लागत प्रभावी होंगी. साथ दोनों प्रणालियां किसानों के सामान्य हित के लिए एक साथ रहने वाली हैं.केंद्रीय मंत्री तोमर ने आगे कहा, 'नए कानून किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए अतिरिक्त माध्यम दे रहे हैं.
यह कानून वर्तमान एमएसपी प्रणाली को प्रभावित नहीं करते हैं। किसानों से कई वार्ताओं के बाद भी हल नहीं निकल पाया है. 26 जनवरी को हुई ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा से आंदोलन फीका पड़ गया था, लेकिन एक बार फिर रंग में दिखाई देने लगा है.केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, 'शरद पवार जी एक अनुभवी राजनेता और पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री हैं, जिन्हें कृषि से संबंधित मुद्दों और समाधानों के बारे में अच्छी जानकारी है.
उन्होंने खुद भी पहले कृषि सुधार लाने के लिए कड़ी मेहनत की है. जैसा कि वह (शरद पवार) एक अनुभवी नेता हैं, मैं यह मानूगा कि वह वास्तव में तथ्यों को गलत तरीके से बता रहे हैं. अब जब उसके पास सही तथ्य हैं, मुझे उम्मीद है कि वह अपना रुख भी बदलेंगे और हमारे किसानों को इसका लाभ भी बताएंगे। अब सवाल है कि शरद पवार सही जानकारी दे रहे या नरेंद्र सिंह तोमर हालांकि कानून से अगर फायदा होता तो किसान आंदोलन ही क्यों करते?
: शरद पवार ने नए कानून MSP पर कही थी ये बात
बीते दिन NCP प्रमुख शरद पवार ने कहा कि ये कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर प्रतिकूल प्रभाव डालेंगे और मंडी प्रणाली को कमजोर कर देंगे. उन्होंने एमएसपी को सुनिश्चित करने और इस व्यवस्था को कहीं अधिक मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया. पवार ने ट्वीट किया, 'सुधार एक सतत प्रक्रिया है और एपीएमसी या मंडी प्रणाली में सुधारों के खिलाफ कोई भी व्यक्ति दलील नहीं देगा, लेकिन इस पर एक सकारात्मक बहस का यह मतलब नहीं है कि यह प्रणाली को कमजोर या नष्ट करने के लिए है।