कब खत्म होगी बाल विवाह की कुप्रथा?पुलिस ने रुकवाई शादी

Update: 2021-03-08 10:03 GMT

फाइल photo

नागपुर। देश को आजादी मिले 70 साल हो गए पर बाल-विवाह की कुप्रथा आज भी शुरू है.महाराष्ट्र नागपुर जिले के पिटेसुर गांव में 16 वर्षीय नाबालिग बच्चे की शादी का कार्यक्रम रचा जा रहा था, जिस दुल्हे से बच्ची की शादी हो रही थी, उसकी उम्र 28 वर्ष थी. पर जैसे ही इस बाल विवाह की सूचना जिला बाल संरक्षण अधिकारी मुश्ताक पठान को दी गई प्रशासन सक्रिय हो गया. नागपुर कलेक्टर रवींद्र ठाकरे को भी इस मामले की जानकारी दी गई. जिलाधिकारी के निर्देश स्थानीय पुलिस को बाल विवाह की सूचना दी गई.

मुश्ताक पठान पुलिस को लेकर पिटेसुर गांव में पहुंचे. घटनास्थल पर रिश्तेदारों ने पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई का विरोध किया. जिला बाल संरक्षण अधिकारी मुश्ताक पठान और पुलिस निरीक्षक वैजयंती मंडवधरे ने रिश्तेदारों और दोनों पक्ष के परिजनों को समझाया. प्रशासनिक अधिकारियों के समझाने के बाद दुल्हा और दुल्हन के रिश्तेदार मान गए और माता-पिता को ताकीद किया गया कि 18 वर्ष की आयु के पश्चात ही बिटिया की शादी करें. प्रशासन ने लड़की के मां-पिता को 18 वर्ष बाद शादी करने का शपथ पत्र भी लिया.पर प्रशासन ने एहतियातन नाबालिग कन्या को बालगृह में रखा है।

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