शरद पवार की धमकी से क्या डरेगी मोदी सरकार,किसानों पर क्या कहा NCP सुप्रीमो ने
मुंबई। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को सरकार से कृषकों की सहिष्णुता का इम्तिहान नहीं लेने का आह्वान किया। पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए यह भी कहा कि यदि सरकार ने किसानों की मांगों पर समय से निर्णय नहीं लिया तो दिल्ली की सीमाओं पर चला रहा प्रदर्शन अन्यत्र भी फैल सकता है। पवार ने कहा कि विपक्षी दलों द्वारा विस्तृत चर्चा की मांग किए जाने के बावजूद संबंधित कृषि विधेयक संसद में 'हड़बड़ी' में पारित किए गए थे। विभिन्न राज्यों के किसान इन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर करीब दो सप्ताह से दिल्ली के सिंघू, टिकरी, गाजीपुर और चिल्ला बार्डरों पर डेरा डाले हुए हैं।
किसानों का कहना है कि ये कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का सुरक्षा जाल खत्म कर देंगे और उनकी आमदनी पक्की करने वाली मंडियां भी हट जाएंगी। लेकिन सरकार के अनुसार एमएसपी व्यवस्था जारी रहेगी तथा नए कानून किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए और विकल्प उपलब्ध कराएंगे। पवार ने कहा, 'आज किसानों ने कानूनों को वापस लेने की कड़ी मांग की है और कहा है कि इस मुद्दे पर बाद में चर्चा की जा सकती है। लेकिन इस पर केंद्र का रूख अनुकूल नहीं जान पड़ता है। इसलिए ऐसे संकेत हैं कि गतिरोध कुछ और दिन चल सकता है।' वरिष्ठ नेता ने कहा कि करीब 700 टैक्टरों से और लोग शुक्रवार सुबह प्रदर्शन से जुड़ने के लिए दिल्ली बार्डर पर पहुंचे।
उन्होंने कहा, 'यह प्रदर्शन दिल्ली के बार्डर तक सीमित है। लेकिन इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि यदि समय पर निर्णय नहीं लिया गया तो यह अन्यत्र भी फैल सकता है।' एनसीपी नेता ने कहा, 'हम भारत सरकार से आग्रह करते हैं कि किसान देश का अन्नदाता है और उसकी सहिष्णुता का इम्तिहान नहीं लिया जाना चाहिए।' उन्होंने केंद्रीय मंत्री रावसाहब दानवे द्वारा किसान आंदोलन के पीछे चीन और पाकिस्तान के हाथ होने के बयान पर कहा, 'कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें यह समझ नहीं होती है कि कहां और कैसे क्या बोलना है।