मुंबई। जिस बात का डर था आखिर वहीं हुआ। उक्त बातें शिवसेना सांसद संजय राउत ने सोमवार को कहीं। अंबानी के घर के बाहर मिली विस्फोटक वाली कार और इसके मालिक मनसुख हिरेन की हत्या केस में गिरफ्तार किए गए मुंबई पुलिस के असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाझे की वजह से MVA सरकार की फजीहत हो रही है। सचिन वाझे प्रकरण ने एमवीए को कुछ सबक सिखाए हैं।
एंटीलिया बम केस और मनसुख हिरेन हत्या हत्याकांड में एनआईए ने वाझे को गिरफ्तार किया है। वाझे को पुलिस हिरासत में घाटकोपर बम ब्लास्ट के आरोपी ख्वाजा युनूस की हिरात में मौत के बाद 2004 में सस्पेंड कर दिया गया था। कभी शिवसेना में शामिल हुए वाझे को पिछले साल दोबारा बहाल किया गया। राउत ने कहा, ''जब वाझे को महाराष्ट्र पुलिस में दोबारा बहाल करने का प्लान बना तो मैंने कुछ नेताओं को सूचना दी थी कि वह हमारे लिए समस्याएं पैदा कर सकता है।
उसका व्यवहार और काम करने का तरीका सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।'' राज्यसभा सांसद ने आगे कहा कि वह उन नेताओं के नाम सार्वजनिक नहीं कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एक आदमी खराब नहीं होता है, लेकिन परिस्थितियां उन्हें ऐसा बना देती हैं। संजय राउत ने कहा, ''वाझे की गतिविधियों और इस पूरे घटनाक्रम, विवादों ने महाविकास अघाड़ी सरकार को सबक सिखाया है। एक तरह से यह अच्छा है कि यह हुआ और इसने हमें कुछ सबक सिखाए।