Tractor Rally: शरद पवार का हमला,जिनके हाथ में हुकूमत वह जिम्मेदार,किसान गुस्से में क्यों हैं?

Update: 2021-01-26 13:05 GMT

मुंबई। दिल्ली में किसानों द्वारा की गई हिंसा को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने निंदा करते हुए कहा कि यह हिंसा एक दिन का परिणाम नहीं है। अगर केंद्र सरकार किसानों की मांगे मान लेती तो ऐसी हिंसा नहीं होती। राकांपा प्रमुख ने मुंबई में मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए कहा,'यह जो कुछ भी हुआ वह 1 दिन की बात नहीं है। पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली के बॉर्डर पर पिछले 60 दिनों से किसान डटे हुए थे। इन्होंने तकरीबन 5 किलोमीटर के सड़क पर अपना डेरा जमाया था और केंद्र सरकार की यह जिम्मेदारी थी कि किसानों से बात करके उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द निराकरण किया जाए और इस धरने को खत्म करवाया जाए।

पर सरकार ने किसानों को गंभीरता से नहीं लिया।'पवार ने आगे कहा,'10 राउंड नेगोशिएशन के हो गए लेकिन इससे कुछ निकला। इसकी जिम्मेदारी में किसान संगठन के नेताओं को नहीं देता हूं, बल्कि इसकी जिम्मेदारी सरकार की थी कि उन्हें एक पॉजिटिव अप्रोच दिखाते हुए किसानों की बातों को समझना चाहिए था।' एनसीपी चीफ ने आगे कहा, 'मुझे यह जानकारी मिली है कि किसानों के कहने पर पुलिस ने उन्हें जिस रास्ते पर जाना है, वहां जाने की अनुमति तो दे दी लेकिन उन्हें रूट की सही जानकारी नहीं दी गई।

इसलिए वहां थोड़ा कंफ्यूजन हो गया। इसी वजह से किसानों ने या तो रास्ता भूल गए होंगे या किसी और वजह से उन्होंने दूसरे रास्ते पर जाने का प्रयास किया। इसके बाद पुलिस बल ने जिस तरीके से उनके साथ व्यवहार किया इसी वजह से यह परिस्थिति पैदा हुई है। पवार ने आगे कहा,'कानून हाथ में लेने की बात बिल्कुल सही नहीं है, लेकिन कानून हाथ में लेने की स्थिति क्यों आई इसे भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह बात साफ दिखाई देती है कि भारत सरकार ने अपना फर्ज ठीक ढंग से नहीं निभाया है। पंजाब हरियाणा राजस्थान के किसानों को हम लोगों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। देश की रक्षा में इन तीनों राज्यों के लोगों का हमेशा से योगदान रहा है।' 

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