आज दशहरा का पर्व है, जानिए क्यों मनाया जाता है नवमी और विजयादशमी का पर्व ?
मुंबई : आज विजयादशमी जिसे हम दशहरा के नाम से भी जाना जाता है,दशहरा हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार में एक है, इस त्यौहार को असत्य पर सत्य की जीत के रूप में मनाया जाता है. माना जाता है कि इसी भगवान राम ने रावण को मार गिराया था, राम भगवान का युद्ध रावण से नवरात्र में ही हुआ था. रावण की मृत्य अष्टमी व नवमी के संधि काल में और दाह संस्कार दसमी तिथी को हुआ था, इसके बाद से ही विजयदशमी मनाने का उद्देश्य रावण पर राम की जीत यानि असत्य पर सत्य की जीत हुई, बता दे कि आज भी संपूर्ण रामायण लीला नवरात्र में ही खेली जाती है और 10वे दिन संध्याकाल मे रावण का पुतला जलाया जाता है। इस दौरान यह ध्यान रखा जाता है कि दाह संस्कार के समय भदरा न हो, इसी दशमी को विजयादशमी के नाम से भी जाना है और पूरे देश भर में धूमधाम से मनाया जाता है ।
नवमी और दशहरा मनाने के पीछे की रोचक कथा ?
दरअसल इसके पीछे एक रोचक कथा है प्राचीन काल मे महिसासुर नाम का एक राक्षस था. महिसासुर का मतलब होता है जंगली भैसा,महिसासुर ने पूरे ब्रह्माण्ड पर विजय पाने के लिए ब्रह्मा जी की कठोर तपस्या की थी, ब्रह्मा जी महिसासुर की तपस्या से खुश होकर ब्रह्मा जी ने महिसासुर को सदैव अमर रहने का वरदान दिया था, वरदान प्राप्त करने के बाद महिसासुर और भी ज्यादा हिंसक हो गया उसने अपना आतंक इतना ज्यादा फैलाया की सारे देवतागण उसके इस आतंक के भय से देवी दुर्गा की आराधना करने लगे , ऐसा माना जाता है कि देवी दुर्गा की रचना करने में देवताओं का ही सहयोग रहा था, महिसासुर से बचने के लिए सभी देवी देवताओ ने अपने अस्त्र शस्त्र देवी दुर्गा को दे दिए, इसके बाद देवी दुर्गा और भी ज्यादा शक्तिशाली हो गयी थी, बाद में महिसासुर को समाप्त करने के लिए देवी दुर्गा ने महिसासुर से नौ दिन तक युद्ध किया और फिर राक्षस महिसासुर का वध करने बाद विजय प्राप्त की और बाद में देवी दुर्गा दुर्गामर्दिनी के नाम से भी विख्यात हुई । तभी से नवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है और उसके अगले दिन विजयादशमी मनाया जाता है।