मुंबई। ये दर्दनाक कहानी है तीरा कामत की. आपकी आंखें नम हो जाएंगी. पिछले कुछ दिनों से तीरा का मुंबई के एसआरसीसी अस्पताल में इलाज चल रहा है. ये बच्ची एसएमए टाइप 1 की बीमारी से पीड़ित है. एक ऐसी बीमारी जिससे किसी भी बच्चे की जिंदा रहने की संभावना ज्यादा से ज्यादा 18 महीने रहती है. तीरा को बचाने के लिए अब हर किसी की उम्मीद सिर्फ और सिर्फ उस इंजेक्शन पर टिकी है, जिसे अमेरिका से खरीद कर भारत लाया जाएगा.
तीरा के पिता मिहिर कामत के मुताबिक जन्म के वक्त लगभग सब कुछ सामान्य था. वो आम बच्चों के मुकाबले थोड़ी लंबी थी, इसी लिए उसका नाम तीर पर तीरा रखा गया, पर धीरे-धीरे उसकी बीमारी के बारे में हर किसी को एहसास होने लगा. मां का दूध पीते वक़्त तीरा का दम घुटने लगता. डॉक्टरों ने कहा कि वो एसएमए टाइप 1 से पीड़ित है. साथ ही डॉक्टरों ने परिवारवालों से ये भी कहा कि इस बीमारी का भारत में भी कोई इलाज नहीं है और उनकी बच्ची 6 महने से ज्यादा ज़िंदा नहीं रहेगी.
ये सब सुनकर परिवार में सन्नाटा पसर गया. ये बीमारी एक खास इंजेक्शन से ठीक हो सकती है. लिहाजा इसे अमेरिका से मंगाने की कोशिशें की जा रही है. इस इंजेक्शन की कीमत है 16 करोड़ रुपये है। तीरा के माता-पिता ने सोशल मीडिया पर तीरा फ़ाइट्स एसएमए करके इंस्टाग्राम और फेसबुक पेज बनाया और यहां उसकी कहानी शेयर की. इस पर वे तीरा के स्वास्थ्य के बारे में लगातार जानकारी देते हैं. लोगों से मदद की अपील करते हैं. उन्होंने डोनेटटू तीरा नाम का क्राउडफंडिंग पेज बनाया है.
क्या है SMA टाइप 1 बीमारी?
किसी के भी शरीर में मांसपेशियों के ज़िंदा रखने के लिए एक खास जीन की जरूरत पड़ती है. ये जीन एक ऐसा प्रोटीन तैयार करता है जो मांसपेशियों को जिंदा रख सके. पर तीरा के शरीर में ये जीन मौजूद नहीं है. जिन बच्चों को SMA होती है उनके दिमाग के नर्व सेल्स और स्पाइनल कोर्ड काम नहीं करते हैं।