Kisan Andolan किसानों की राह में बिछाई जा रही मोटी-मोटी कीलें

हम अनाज बोते हैं सरकार कील बो रही- राकेश टिकैत

Update: 2021-02-04 13:15 GMT

दिल्ली/मुंबई। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है और अब यह आंदोलन सिर्फ किसानों का आंदोलन नहीं रहा है. एक ओर विपक्ष के सभी नेता एक सुर में कृषि कानूनों की वापसी की मांग कर रहे हैं और किसानों के प्रति सरकार के रवैये की निंदा कर रहे हैं, वहीं सरकार अभी तक इस कानून को वापस करने के मूड में नहीं दिखती है.किसान नेता राकेश टिकैत ने आज कहा कि हम अनाज बोते हैं सरकार बॉर्डर पर कील बो रही है.

सरकार पहले की तरह कमेटी (संयुक्त किसान मोर्चा) से बात कर ले. पर वे (सरकार) बात नहीं कर रहे क्योंकि वे इस आंदोलन को लंबा चलाना चाहते हैं. हम बातचीत के लिए कहते रहेंगे कि बात करो. किसान आंदोलन के समर्थन में भड़काऊ ट्‌वीट करने वाली एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने अब से कुछ देर पहले फिर ट्‌वीट किया है और लिखा है कि वे अभी भी किसानों के साथ खड़ी हैं. नफरत, धमकी और मानवाधिकारों के उल्लंघन से यह नहीं बदलने वाला है। गौरतलब है कि सिंघु , टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस ने लोहे की मोटी मोटी कीलें ठोंक दी है, जिससे किसानों और उनके वाहन दिल्ली में प्रवेश नहीं कर सके। किसानों के आंदोलन स्थल पर दो देशों की सीमाओं जैसे हालात बना दिए गए हैं।

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