तीनों लोकों से न्‍यारी शिव की नगरी काशी में जगमग-जगमग दीप जले हैं

Update: 2020-11-30 13:43 GMT

वाराणसी। राजघाट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दीया जलाते ही गंगा किनारे लगे लाखों दीये जगमगा उठे। हर तरफ अलौकिक छठा बिखर गई। हर बार केवल गंगा के इस बार ही रोशनी होती थे लेकिन पीएम मोदी की अगवानी में गंगा पार रेती भी रोशन हुई। अनूठे जल प्रकाश उत्सव के रूप में विश्‍व विख्यात देव दीपावली के मौके पर उत्तरवाहिनी मां गंगा के घाटों पर खास नजारा देखने के लिए देश-दुनिया से लोगों का हुजूम दोपहर बाद ही घाटों की ओर बढ़ चला था।

प्रधानमंत्री मोदी के आगमन के कारण इस बार रेत शिल्प का अद्भुत नजारा देखने को मिला। कई घाटों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों और रंगोली ने लोगों का मन मोह लिया। घाटों पर गुब्‍बारों और फूलों संग सजावट ने जहां विदेशियों को चमत्‍कृत किया तो रेत पर आकृतियां उकेर कर घाटों की रौनक से पर्व को उल्‍लासित किया। दूसरी ओर आस्‍थावानों की अपार भीड़ ने गंगा की निर्मलता को नमन कर गंगा के प्रति अपार आस्‍था को ऊंचाइयां प्रदान कीं। दशाश्वमेध घाट पर हर साल की तरह अमर जवान ज्योति और इंडिया गेट ने आकर्षिक किया। घाट पर जहां आयोजकों की ओर से तैयारियों को दोपहर तक पूरा कर आयोजन को भव्‍य रुप देने की तैयारी पूरी कर ली गई वहीं सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी का इंतजार था।

मोदी के दीप जलाते ही उत्‍तरवाहिनी मां गंगा समेत नदियों और सरोवर कुंडों के तट पर लाखों दीपों की माला जगमगा उठी। धूप-दीप, गुग्‍गुल-लोबान की सुवास ने श्रद्धा के भाव संग शाम होते ही घाटों को गमकाया तो घाटों की अर्ध चंद्राकार श्रृंखला भी आस्‍था के अपार सागर से ओतप्रोत नजर आई। घाटों की साज सज्‍जा ऐसी कि मानो स्‍वर्ग साक्षात मां गंगा के आंचल में समाने को व्याकुल नजर आने लगा। दूर गंगा के उस पार रेती पर भी आस्‍थावानों की चहलकदमी घाटों की अर्धचंद्राकार छवि को अपलक निहारती नजर आई। काशी की दूसरी प्रमुख वरुणा नदी के तट पर रामेश्‍वर और शास्‍त्री घाट भी दीपों और रोशनी से दिन ढलने के साथ ही नहा उठा। 




 



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