मुंबई। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार लोगों में गर्भनिरोधक (कॉन्ट्रासेप्टिव) के इस्तेमाल को लेकर लोगों की समझ काफी विकसित हुई है. परिवार नियोजन की मांग में सुधार हुआ है और महिलाओं द्वारा पैदा किए बच्चों की औसत संख्या में भी गिरावट आई है.
कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि ये आंकड़े इस बात का सबूत हैं कि देश में 'जनसंख्या विस्फोट' का डर निराधार है और केवल दो बच्चे पैदा करने की योजना लाने की जरूरत नहीं है। इंटरनेशनल नॉन प्रॉफिट पॉपुलेशन (PC) का डेटा एनालिसिस बताता है कि 17 में से 14 राज्यों के 'टोटल फर्टिलिटी रेट' में गिरावट आई है.
इन राज्यों में प्रति महिला बच्चों का औसत 2.1 या इससे भी कम है. रिपोर्ट की मानें तो आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, केरल और बिहार जैसे राज्यों में 2015-16 की तुलना में कॉन्ट्रासेप्टिव का इस्तेमाल काफी बढ़ा है।