मुंबई। कोरोना संक्रमण के मामलों में उछाल को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने लॉकडाउन लगाने के संकेत दिए हैं. लेकिन सरकार की राय का नेताओं और उद्योगपतियों की तरफ से विरोध होने लगा है.पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने महाराष्ट्र सरकार की तरफ से संभावित लॉकडाउन लगाने का पुरजोर विरोध किया है. संजय निरुपम का कहना है कि लॉकडाउन लगाने से गरीब बर्बाद हो जाएगा, आमदनी खत्म हो जाएगी और अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ेगा. कोरोना काल में लागू किए गए लॉकडाउन से बेरोजगारी और गरीबी भी बढ़ी है,
ऐसे में लॉकडाउन लगाना समस्या के हल का विकल्प नहीं है. उनका कहना है कि लॉकडाउन लगाने से कोरोना संक्रमण के मामले की रोकथाम बहुत ज्यादा मददगार होने का सबूत नहीं मिलता है.संजय निरूपम ने महाराष्ट्र सरकार को सलाह दी है कि लोगों का जांच की जगह टीकाकरण किया जाए. पिछले साल विकल्प नहीं था, मगर इस साल सुरक्षा की शक्ल में कोविड-19 की वैक्सीन है. नियमों का पालन लोग करने के साथ उन्होंने ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाए जाने की मांग की. महाराष्ट्र में 3 दलों की सरकार में कांग्रेस की कोई विशेष भूमिका नहीं है. एनसीपी ने भी लॉकडाउन लगाने के प्रस्तावित विचार का विरोध किया है.
आनंद महिंद्रा ने दी उद्धव ठाकरे को सलाह
लॉकडाउन से होने वाले आर्थिक नुकसान को देखते हुए बहुत से लोग इसके खिलाफ हैं। उद्योगपति आनंद महिंद्रा भी इनमें शामिल हैं। उन्होंने गरीबों पर सबसे अधिक मार पड़ने की बात कहकर इससे बचने की सलाह दी है। आनंद महिंद्रा ने सोमवार को कहा कि लॉकडाउन का सबसे अधिक बुरा असर गरीब, मजदूरों और छोटो कारोबारियों पर पड़ता है। आनंद महिंद्रा ने ट्वीट किया, ''उद्धव ठाकरे जी, समस्या यह है कि लॉकडाउन जिन लोगों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाता है वे हैं, गरीब, प्रवासी मजदूर और छोटे कारोबारी। पहले लॉकडाउन हॉस्पिटल और स्वास्थ्य ढांचा निर्माण के लिए लिए लगाया गया था। पुनरुत्थान और मौतें कम करने पर ध्यान केंद्रित करें।