सुखबीर सिंह बादल का निशाना, असहमति रखने वालों को देशद्रोही कहती है सरकार

Update: 2020-12-12 10:05 GMT

नई दिल्ली। केंद्र के तीनों नए कृषि कानूनों की वजह से एनडीए से अलग हुए शिरोमणि अकाली दल ने शनिवार को सरकार पर निशाना साधा। एसएडी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि जो भी सरकार से असहमत होता है, उसे देशद्रोही कहा जाता है। पंजाब, हरियाणा के हजारों किसान पिछले 17 दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा, ''बड़े दुख की बात है कि केंद्र सरकार किसानों के संघर्ष को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। जो भी केंद्र सरकार के साथ सहमत नहीं है, उसे सरकार देशद्रोही कहती है।

मैं केंद्र को कहना चाहता हूं कि जो किसान बैठे हैं इनका किसी धर्म के साथ संबंध नहीं है, ये अन्नदाता हैं।'' बादल ने कहा कि केंद्र की कोशिश है कि किसान आंदोलन को राजनैतिक दलों और खालिस्तानियों का कहकर बदनाम किया जाए। दुर्भाग्यपूर्ण है कि अगर कोई उनसे असहमत होते हैं, तो वे उन्हें देशद्रोही कहते हैं। ऐसे बयान देने वालों को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। हम केंद्र के रवैये और ऐसे बयानों की निंदा करते हैं।

किसान आंदोलन को लेकर खाद्य, रेलवे और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहीं अधिक मुखरता से आरोप लगाते हुए कहा था कि ऐसा लगता है जैसे कुछ माओवादी और वामपंथी तत्वों ने आंदोलन का नियंत्रण संभाल लिया है और किसानों के मुद्दे पर चर्चा करने की जगह कुछ और एजेंडा चला रहे हैं।

देश की जनता देख रही है, उसे पता है कि क्या चल रहा है, समझ रही है कि कैसे पूरे देश में वामपंथियों/माओवादियों को कोई समर्थन नहीं मिलने के बाद वे किसान आंदोलन को हाईजैक करके इस मंच का इस्तेमाल अपने एजेंडे के लिए करना चाहते हैं। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि असामाजिक तत्व किसानों का वेश धारण कर उनके आंदोलन का माहौल बिगाड़ने का षड्यंत्र कर रहे हैं। 

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