लखनऊ। UP में बीजेपी हिंदू वोटरों पर मजबूत पकड़ बना ली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हिंदुत्व पर मजबूत पकड़ को देख सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी यह बात समझ गए हैं कि उन्हें मुस्लिम समर्थक छवि से बाहर निकलकर सॉफ्ट हिंदुत्व की की राह पर चलना होगा. अखिलेश अयोध्या के बाद धर्मिक नगरी चित्रकूट पहुंचे हैं और वहां पर उन्होंने कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा की. कोरोना का संकट कम होते ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सूबे में राजनीतिक तौर पर सक्रिय हो गए हैं. शुक्रवार को सुबह होते ही कामतानाथ मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना और दर्शन किए. पूजा अर्चना के बाद उन्होंने पुजारी से पूछा और क्या क्या काम यहां कराने हैं?
इसके बाद अखिलेश यादव ने कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा लगाई. परिक्रमा लगाते समय सपा प्रमुख ने दुकानदारों से जगह-जगह बातचीत भी की. इस दौरान उन्होंने साधु संतों से मुलाकात कर दोबारा यूपी में एक बार फिर सपा सरकार बनाने की अपील की. अखिलेश यादव के साथ दर्जनों कार्यकर्ताओं ने कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा लगाई है.गौरतलब है कि 2017 में उत्तर प्रदेश की सत्ता गंवाने और 2019 में करारी मात खाने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी को मुस्लिम छवि से बाहर निकालने के लिए सॉफ्ट हिंदुत्व की दिशा में कदम बढ़ाया है. इसी कड़ी में वे पिछले महीने आजमगढ़ से वापस लखनऊ लौटते समय अयोध्या में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान खुद को रामभक्त बताया था.
इतना ही नहीं उन्होंने कहा था कि जब राम मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा तो वह पत्नी और बच्चों के साथ रामलला के दर्शन करने आएंगे. साथ ही अखिलेश यादव ने यह भी कहा था कि अयोध्या में सैंदर्यीकरण की शुरुआत उन्होंने ही की थी और पारिजात का वृक्ष भी लगवाया था. अयोध्या और चित्रकूट की यात्रा और मंदिर और मठों में जाकर शीश झुकाकर 2022 के चुनाव से पहले अखिलेश यादव ऐसे राजनेता के तौर पर अपनी छवि बनाना चाहते हैं जो समावेशी हो. इससे पहले अखिलेश यादव ने अपने आपको कृष्ण भक्त के रूप में पेश किया था. अखिलेश ने इटावा के सेफई में भगवान श्री कृष्ण की 51 फीट ऊंची प्रतिमा लगवाई. अब वो लगातार मंदिरों में दर्शन करते और माथा टेकते हुए नजर आ रहे हैं।