ये तो जर्नलिज़्म के नाम पर धब्बा है,अर्नब गोस्वामी के चैट का मुद्दा संसद में उठाएगी कांग्रेस

Update: 2021-01-20 10:29 GMT

नई दिल्ली। अर्णब चैटगेट पर केंद्र सरकार के खिलाफ कांग्रेस पार्टी हमलावर मुद्रा में है. पार्टी ने कहा कि रिपब्लिक टीवी' के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी और टीवी रेटिंग एजेंसी BARC के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता के बीच व्‍हाट्सएप पर हुई कथित बातचीत राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है. पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने एक प्रेस कॉन्‍फ्रेस में कहा कि पुलवामा के 40 शहीदों को लेकर जिस तरह ही भाषा का इस्तेमाल अर्णब और दासगुप्ता ने किया उसे लेकर मुझे गहरी पीड़ा और क्षोभ है.

मिलिट्री ऑपरेशन के बारे में एक पत्रकार को जानकारी होना गहरी चिंता की बात है क्‍योंकि ऐसे ऑपरेशंस अत्यंत गोपनीय होते हैं. यह राजद्रोह है और इसके दोषियों को सज़ा मिलनी चाहिए.कांग्रेस के एक अन्‍य नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा, यह बातचीत ऑफिशियल सीक्रेसी के नियम का उल्लंघन है, ये जर्नलिज़्म के नाम पर धब्बा है. हम ये संसद में उठाएंगे. उन्‍होंने कहा कि सरकार को ऑफिशियल सीक्रेसी एक्ट के तरह जो कार्रवाई करनी चाहिए वो शुरू नहीं की है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह सब टीआरपी के लिए किया गया. टीआरपी से विज्ञापन आता है और विज्ञापन से पैसा. और ये आपराधिक कृत्य के तहत किया गया है. देश की सुरक्षा की क़ीमत पर टीआरपी के लिए किया गया. ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि न्यायपालिका को लेकर भी इस टांसस्क्रिप्‍ट में में बात की गई है, इससे कई सवाल उठते हैं. क्या न्यायपालिका को किसी भी रूप में दबाव में लिया गया, ये भी जाँच का विषय है. उन्‍होंने कहा कि 'दूल्हा बिकता है' हमने सुना है लेकिन 'जज बिकता है' ये पहली बार सुना है।

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