SC ने 'डिजिटल इंडिया' को लेकर केंद्र सरकार को लगाई फटकार, कहा- आप जमीनी हकीकत से नहीं हैं वाकिफ
मुंबई : कोरोना वैक्सीन को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बड़ा दावा किया है। सरकार ने सर्वोच्च अदालत में कहा है कि इस साल के अंत तक देश के सभी व्यस्कों यानी 18 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन लगा दी जाएगी।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जनवरी से लेकर अबतक 05 फीसदी लोगों को कोरोना की दोनों डोज लग चुकी हैं। वहीं तमाम जानकारों का मानना है कि इस साल के अंत तक 30-40 फीसदी आबादी को ही टीका लगाया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को तगड़ी फटकार भी लगाई है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 'डिजिटल इंडिया' पर केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आप डिजिटल इंडिया, डिजिटल इंडिया कहते रहते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत से वाकिफ नहीं हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 वैक्सीन लगवाने के लिए कोविन वेबसाइट पर अनिवार्य रूप से पंजीकरण को लेकर सरकार से सवाल किए है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस रविन्द्र भट की पीठ ने केंद्र सरकार से कहा कि वैक्सीन के लिए सभी लोगों को कोविन पर पंजीकरण करना होता है। क्या ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए इस ऐप पर पंजीकरण शुरू करना वास्तविक रूप से संभव है? आप उनसे ऐसा करने की उम्मीद कैसे करते हैं?
जस्टिस चंद्रचूड़ ने केंद्र सरकार से कहा, "आप कहते रहते हैं कि स्थिति गतिशील है लेकिन आपको वास्तविक स्थिति को देखना होगा। आप डिजिटल इंडिया, डिजिटल इंडिया कहते रहते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत से वाकिफ नहीं हैं।
जस्टिस चंद्रचूड ने यह भी कहा, 'भारत में डिजिटल साक्षरता पूर्ण से बहुत दूर है। मैं ई-समिति का अध्यक्ष हूं। मैंने उन समस्याओं को देखा है जो इससे पीड़ित हैं। आपको लचीला होना होगा और आपको जमीनी हकीकत को समझने की जरूरत है।'
जस्टिस चंद्रचूड़ ने सरकार से कहा कि हम नीति नहीं बदल रहे हैं। हम आपसे कह रहे हैं कि कृपया जागें और कॉफी को सूंघें और देखें कि देश भर में क्या हो रहा है।
कोर्ट ने कहा कि नीति निर्माता जमीनी हालात से अवगत रहें, एक डिजिटल विभाजन नजर आ रहा है। इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र से पूछा कि राज्यों की ओर से टीकों की खरीद के लिए कई ग्लोबल टेंडर जारी किए जा रहे हैं, क्या यह सरकार की नीति है? इस पर केंद्र ने कोर्ट को बताया कि टीकों के लिहाज से पात्र संपूर्ण आबादी का 2021 के अंत तक टीकाकरण किया जाएगा।
सॉलीसिटर जनरल ने न्यायालय को सूचित करते हुए कहा, "केंद्र की फाइजर जैसी कंपनियों से बात चल रही है, अगर यह सफल रहती है तो साल के अंत तक टीकाकरण पूरा करने की समय-सीमा भी बदल जाएगी।"