मुंबई। शिवसेना प्रवक्ता और पार्टी मुखपत्र सामना के सम्पादक संजय राउत की लिखी बातों से विपक्ष की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। संजय राउत ने दो दिन में दो बड़ी बातें लिखीं। सम्पादकीय में इस बात की वकालत की कि अब सोनिया गांधी के स्थान पर शरद पवार को यूपीए का अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए। रविवार को एक आर्टिकल में लिखा कि यदि इसी तरह केंद्र सरकार राज्य सरकारों को गिराने में लगी रहीं, तो एक दिन देश सोवियत रूस की तरह टूट जाएगा।
कांग्रेस ने जहां शरद पवार वाले बयान पर आपत्ति जताई है, वहीं भाजपा देश के टुकड़े होने वाले लेख से नाराज है। सोनिया गांधी के स्थान पर शरद पवार को यूपीए अध्यक्ष बनाने वाले संजय राउत के लेख पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि शिवसेना जब यूपीए का हिस्सा ही नहीं है, तो उसे ऐसी बयानबाजी का क्या अधिकार है। संजय राउत ने लिखा था, 'यूपीए की कमान शरद पवार को सौंपी जाना चाहिए।
सोनिया गांधी के स्थान पर अब शरद पवार को यूपीए अध्यक्ष बनाया जाए, ताकि नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी का सामना किया जा सके। सोनिया गांधी ने अब तक यूपीए अध्यक्ष की भूमिका बखूबी निभाई, लेकिन अब बदलाव करना होगा। दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों का साथ देने के लिए आगे आना होगा।'