अयोध्या : 2 करोड़ की जमीन मिनटों मे 18 करोड़ मे खरीदी ,राम मंदिर ट्रस्ट पर लगा भ्रस्टाचार का आरोप
मुंबई :आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. आरोप लगाया है कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संस्था के सदस्य अनिल मिश्रा की मदद से दो करोड़ रुपए कीमत वाली जमीन 18 करोड़ रुपये में खरीदी.आम आदमी पार्टी ही नहीं समाजवादी पार्टी से अयोध्या के पूर्व मंत्री रहे पूर्व विधायक पवन पांडे ने भी अयोध्या में राय पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए है.
चम्पत राय ने प्रेस रिलीज में साफ कहा है कि जो भी राजनीतिक लोग इस संबंध में प्रचार कर रहे हैं वह भ्रामक है और समाज को गुमराह करने के लिए है इसीलिए ये राजनीतिक लोगों द्वारा ही लगाए जा रहे हैं।
संजय सिंह ने कुछ दस्तावेज पेश करते हुए कहा, "कोई कल्पना भी नहीं कर सकता कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के नाम पर कोई घोटाला और भ्रष्टाचार करने की हिम्मत करेगा. राम जन्मभूमि ट्रस्ट के नाम पर चंपत राय जी ने करोड़ों रुपए चंपत कर दिए." उन्होंने दावा किया कि अयोध्या सदर तहसील के बाग बिजैसी गांव में पांच करोड़ 80 लाख रुपये की मालियत वाली गाटा संख्या 243, 244 और 246 की जमीन सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी नामक व्यक्तियों ने कुसुम पाठक और हरीश पाठक से 18 मार्च को दो करोड़ रुपए में खरीदी थी.
मर्यादा परूषोत्तम प्रभु श्री राम के नाम पर इतना बड़ा घोटाला सुनकर आपके पैरों के नीचे ज़मीन खिसक जायेगी।
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) June 13, 2021
आप सांसद ने कहा कि शाम सात बजकर 10 मिनट पर हुई इस जमीन खरीद में राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह बने थें. साथ ही आरोप लगाया कि उसके ठीक पांच मिनट के बाद इसी जमीन को चंपत राय ने सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी से साढ़े 18 करोड़ रुपए में खरीदा, जिसमें से 17 करोड़ रुपए आरटीजीएस के जरिए पेशगी के तौर पर दिए गए.
उन्होंने आरोप लगाया, "दो करोड़ रुपए में खरीदी गई जमीन का दाम लगभग प्रति सेकंड साढ़े पांच लाख रुपए बढ़ गया जो राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय बैनामा कराने में गवाह थे, वो ही इस जमीन को ट्रस्ट के नाम पर खरीदने में भी गवाह बन गए. यह साफ तौर पर धन शोधन और भारी भ्रष्टाचार का मामला है. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार से मांग करता हूं कि तत्काल ईडी और सीबीआई के जरिए इस मामले की गहन जांच कराकर इसमें शामिल भ्रष्टाचारी लोगों को जेल में डाला जाए क्योंकि यह इस मुल्क के करोड़ों राम भक्तों की आस्था के साथ-साथ उन करोड़ों लोगों के भरोसे का भी सवाल है जिन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा राम मंदिर निर्माण के लिए दिया है."
इस मामले में एग्रीमेंट के का समय और बैनामे के स्टांप का समय भी सवाल खड़ा करता है. जो जमीन बाद में ट्रस्ट को बेची गई उसका स्टांप शाम को पांच बजकर 11 मिनट पर खरीदा गया और जो जमीन पहले रवि मोहन तिवारी और अंसारी ने खरीदी उसका स्टांप पांच बजकर 22 मिनट पर खरीदा गया.
इस मुद्दे पर अब जमकर राजनीती होनी शुरू हो गयी है
हे राम,
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 13, 2021
ये कैसे दिन...
आपके नाम पर चंदे लेकर घोटाले हो रहे है।
बेशर्म लुटेरे अब आस्था बेच 'रावण' से अहंकार में मदमस्त हैं।
सवाल है कि ₹2 करोड़ में ख़रीदी ज़मीन 10 मिनट बाद 'राम जन्मभूमि' को ₹18.50 करोड़ में कैसे बेची?
अब तो लगता है ...
कंसो का ही राज है, रावण हैं चहुँ ओर ! https://t.co/LAAROFZCMU