आज सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर सबकी नजरें, लोकसभा में राहुल शेवाले सेना के गटनेता तो भावना गवली बनी चीफ व्हीप, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दी मंजूरी
मुंबई में पैदा हुए एक नौसेना अधिकारी के बेटे राहुल शेवाले 2000 के दशक की शुरुआत में शहर में सेना शाखा प्रमुख थे। वह 2002 में पहली बार बीएमसी नगरसेवक चुने गए, और 2007 और 2012 में दो बार और जीत हासिल की। उन्होंने 2004 में ट्रॉम्बे निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन कांग्रेस के एक उम्मीदवार से हार गए। 2014 में, वह मुंबई दक्षिण मध्य से संयुक्त शिवसेना-भाजपा उम्मीदवार के रूप में जीतकर लोकसभा में चले गए। उन्होंने साथी दलित नेता और कांग्रेस के दो बार के सांसद एकनाथ गायकवाड़ को 1.38 लाख मतों से हराया। राहुल शेवाले की पत्नी कामिनी भी शिवसेना में हैं जो मुंबई महानगरपालिका की पूर्व नगरसेविका हैं।
मुंबई: शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट ने मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से संपर्क करके इसे आधिकारिक सेना के रूप में मान्यता दी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल शेवाले को लोकसभा में शिवसेना के गट नेता और भावना गवली को चीफ व्हीप के तौर पर मंजूरी दे दी है। मुंबई दक्षिण मध्य से दो बार के सांसद राहुल शेवाले एक 49 वर्षीय दलित नेता है। जो अब दो दशकों से अधिक समय से शिवसेना से जुड़े हुए हैं, शेवाले पहले पार्टी सांसद थे, जिन्होंने उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर उनसे चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का आग्रह किया था। हाल ही में शेवाले अपने ऊपर रेप के आरोपों को लेकर भी चर्चा में रही हैं। शेवाले ने आरोप को झूठा बताया है और धोखाधड़ी, ब्लैकमेल और मानहानि की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। वहीं ईडी के रडार पर रहने वाली भावना गवली को राहत की सांस मिल गई है क्योंकि वो शिवसेना में नहीं है और एनडीए के करीब है। उनके किलाफ किस तरह से भाजपा नेता किरीट सोमैया ने अभियान चलाया और उनको कितना दिक्कतों का सामना करना पड़ा यह महाराष्ट्र जानता है।
जबकि इसको लेकर दो दिन पहले शिवसेना लोकसभा गट नेता विनायक राउत ने एक पत्र लिखकर शिवसेना के नाम पर किसी को कोई मंजूरी न दिए जाने की बात का ज़िक्र किया था और मांग की थी कि अगर कोई गटनेता का प्रस्वात लाता है तो शिवसेना पार्टी और उनसे संपर्क कर सूचित किया जाए। लेकिन लोकसभा में ऐसा भी नहीं हुआ। इसको लेकर शिवसेना सांसद विनायक राउत ने कहा कि शिवसेना की तरफ से लोकसभा में गट नेता मैं ही और रहूंगा,कोई और नहीं बन सकता। उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष इस पूरे प्रकरण से अवगत कराए जा चुके है उनको भी कानून मालूम है वो भी हमारे साथ न्याय करेगे। विनायक राउत ने कहा कि पहले केंद्रीय एजेंसियों से विधायकों सांसदों को परेशान करने के बाद भाजपा ने यह रणनीति तैयार की लोगों को लालच देकर पार्टी से निकालने की कवायद की गई। उन्होंने कहा कि जिसको नहीं रहना है शिवसेना वो खुशी खुशी जा सकता है। लोग भी जानते है क्या हो रहा है, लेकिन इन गद्दारों के पार्टी से जाने के बाद पार्टी के अस्तित्व पर कोई असर नहीं पड़ेगा जितने लोग गए है उससे ज्यादा लोग चुनकर आएगे। उन्होंने कहा कि गद्दार क्यों किसी की आड़ में छिपकर यह खेल खेल रहे है दम है तो मध्यावधि चुनाव कराए क्या है किसकी कितनी अहमियत सामने आ जाएगी।