मुंबई। इस समय महंगाई सातवें आसमान पर है. गेहूं को छोड़कर सभी जरूरी खाद्य पदार्थों के दाम में आग लग गई है. आलू के दाम पर नजर डालें तो इसमें सबसे ज्यादा 92% का उछाल देखा गया जबकि प्याज सालभर में 44 फीसदी महंगा हो चुका है.खाने की चीजें महंगी होने से आम जनता के साथ-साथ नीति नियंताओं की परेशानी बढ़ चुकी है. इस महंगाई को लेकर विशेषज्ञ की राय भी सामने आई है. उनका मानना है कि यह महंगाई अस्थायी है और सप्लाई सुधरते ही इसमें सुधार आ जाएगा. आंकडों पर नजर डालने पर पता चलता है कि सब्जियों, मांस-मछली और दालों के दाम खासतौर पर इन दिनों महंगाई दिख रही है। यही वजह है कि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को लिमिट तय करनी पड़ गई. यदि आलू के दाम भी बढ़ते हैं तो सरकार उसकी स्टॉक लिमिट भी लागू करने का काम कर सकती है।
रिजर्व बैंक के मुताबिक अगले साल की शुरुआत तक कीमतें नियंत्रण में आ सकती है.उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के डेटा पर नजर डालें तो पता चलता है कि पिछले एक साल में, थोक बाजार में आलू के दाम 108% बढ़े हैं. साल भर पहले थोक में आलू 1,739 रुपये क्विंटल बाजार में उपलब्ध था, वहीं अब यह 3,633 रुपये क्विंटल मिल रहा है. शनिवार को प्याज के दाम 5,645 रुपये प्रति क्विंटल थे जो कि सालभर पहले 1,739 हुआ बिक रहा था. इसका मतलब यह है कि प्याज की कीमत में सालभर में 47% इजाफा हुआ है.आलू और प्याज के अलावा दाल और सब्जियों के दाम बढ़ जाने से घरों का बजट गड़बड़ा गया है. पिछले कुछ महीनों की बात करें तो यह ट्रेंड थोक और खुदरा महंगाई के आंकड़ों में भी दिख रहा है. डेटा के मुताबिक, सब्जियों, मांस-मछली और दालों जैसे खाद्य पदार्थों की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं।