दिल्ली में एक साथ बैठकर चाय पीने से एकजुट नहीं होगा विपक्ष, नीतीश कुमार पर प्रशांत किशोर का तंज

अपने ट्विटर हैंडल पर नीतीश कुमार और बिहार सरकार को लेकर प्रशांत किशोर कुछ ना कुछ ट्वीट जरूर करते है। नीतीश जी ने ठीक कहा - महत्व #सत्य का है और सत्य यह है कि 30 साल के लालू-नीतीश के राज के बाद भी बिहार आज देश का सबसे गरीब और पिछड़ा राज्य है। बिहार को बदलने के लिए एक नयी सोच और प्रयास की ज़रूरत हैं और यह सिर्फ़ वहाँ के लोगों के सामूहिक प्रयास से ही सम्भव है।

Update: 2022-09-10 23:26 GMT

स्पेशल डेस्क, मैक्स महाराष्ट्र, नई  दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली में विपक्षी नेताओं से की मुलाकात, प्रशांत किशोर ने किया कटाक्ष. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि विपक्षी एकता स्थापित नहीं होगी अगर चार विपक्षी नेता मिलकर चाय पीएंगे। उसके लिए व्यवस्थित नियोजन आवश्यक हो जाता है। मतदाताओं की नजर में विश्वसनीयता साबित करनी होगी। बिहार में सत्ता परिवर्तन होने के बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने दिल्ली का पहले दौरा कर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा से मिलकर देश और राज्य की वर्तमान सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक परिस्थितियों पर सकारात्मक चर्चा हुई। लोकतंत्र की जननी बिहार ने फिर देश को दिशा दिखाता है।



नीतीश कुमार ने विपक्षी नेताओं के साथ बैठक शुरू कर दी है, दिल्ली में राहुल गांधी से मिलने के बाद नीतीश कुमार ने अगली मुलाकात एचडी कुमार स्वामी से। इसके बाद उन्होंने विपक्षी नेताओं से मिलना जारी रखा और करीब दस नेताओं से मुलाकात की। इसमें अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के साथ बी नीतीश कुमार की मुलाकात भी शामिल थी। उन मुलाकातों के बाद प्रशांत किशोर ने कटाक्ष करते हुए कहा कि नीतीश कुमार और कुर्सी का गहरा रिश्ता है. नीतीश ने 10 साल में छह गठबंधन किए हैं, सत्ता से जुड़े रहने की यही उनकी मानसिकता है।



एकता दिखाने के लिए विपक्ष को संगठित होना होगा। मतदाताओं के मन में विश्वसनीयता पैदा करने के लिए माहौल बनाना होगा। हमें इस दिशा में काम करना है कि उनकी नीति, उनका आख्यान सामने आए। विपक्ष को दिखाना होगा कि वह चुनाव लड़ने और सत्ता पर काबिज होने में सक्षम है। सिर्फ बैठने और बात करने से विपक्षी एकता नहीं बन जाएगी।बिहार सरकार ने हाल में तेलंगाना मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव का स्वागत किया था। लॉकडाउन के दौरान तेलंगाना के सीएम ने श्रमवीरों को बिहार वापस लौटने में मदद की थी, जो की काफी सराहनीय थी उसको लेकर भी नीतीश कुमार ने उनका स्वागत किया था।



प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार की लोकप्रियता को सीमित बताते हुए कहा कि नीतीश का महागठबंधन में शामिल होना सिर्फ एक राज्य में सीमित परिघटना है. अन्य राज्यों में इसका खास असर नहीं है। पीके ने कहा कि नीतीश कुमार के दिल्ली जाने के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं, जो सही नहीं है।  पीके पर कोई टिप्पणी करने की पार्टी की इजाजत नहीं होने का हवाला देते हुए नीतीश सरकार के मंत्री ने कहा कि पीके के आकडे अब गलत होने लगे है उनकी राजनीतिक सोच समाप्त हो चुकी है। नीतीश कुमार पर उनको टिप्पणी करना शोभा नहीं देता है। 

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