मुंबई। सत्ताधारी दल शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का बचाव किया है. संपादकीय में कहा गया है कि 'परमवीर सिंह को बदल दिया गया इसका मतलब वे गुनहगार सिद्ध नहीं होते.' रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के घर के निकट 25 फरवरी को विस्फोटक से लदी स्कॉर्पियो कार मिलने के मामले में मुबंई पुलिस के एक अधिकारी सचिन वाजे की कथित संलिप्तता को लेकर परमबीर सिंह पर ट्रांसफर की गाज गिरी.परमवीर सिंह के संदर्भ में सामना के संपादकीय में कहा गया है 'मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से परमवीर सिंह को बदल दिया गया इसका मतलब वे गुनहगार सिद्ध नहीं होते.
मुंबई पुलिस आयुक्त पद की कमान उन्होंने अत्यंत कठिन समय में संभाली थी. कोरोना संकट से लड़ने के लिए उन्होंने पुलिस में जोश निर्माण किया था. धारावी जैसे क्षेत्र में वे खुद जाते रहे. सुशांत, कंगना जैसे प्रकरणों में उन्होंने पुलिस का मनोबल टूटने नहीं दिया. इसलिए आगे इस प्रकरण में सीबीआई आई तो भी मुंबई पुलिस की जांच सीबीआई के पास नहीं जा सकी.'सामना में कहा गया है कि 'टीआरपी घोटाले की फाइल उन्हीं के समय में खोली गई. परमवीर सिंह पर दिल्ली की एक विशिष्ट लॉबी का गुस्सा था, जो कि इसी वजह से था. उनके हाथ में जिलेटिन की २० छड़ें पड़ गईं. उन छड़ों में धमाका हुए बगैर ही पुलिस दल में दहशत फैल गई. नए आयुक्त हेमंत नगराले को साहस व सावधानी से काम करना होगा।