ओवैसी ने नताशा, देवांगना और आसिफ़ की जमानत को लेकर चिदंबरम पर साधा निशाना

Update: 2021-06-19 10:46 GMT

 मुंबई : उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगे से जुड़े यूएपीए मामले में पिंजरा तोड़ के कार्यकर्ताओं को जमानत मिल गई है। देवांगना कलिता और नताशा नरवाल और जामिया के छात्र आसिफ़ इक़बाल तन्हा को ज़मानत मिलने पर देश के पूर्व गृह मंत्री पी. चिंदबरम ने खुशी जताई और उनके साहस की प्रशंसा की। जिस पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने चिदंबरम को आड़े हाथों लिया है।

ओवैसी ने ट्वीट कर यूएपीए जैसे कठोर क़ानून बनाने को गलत ठहराया है। इसको लेकर पी. चिदंबरम की काफी आलोचना की है।

ओवैसी ने लगातार दो ट्वीट किए हैं। पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा, "केवल तीन निरर्थक और खाली ट्वीट। लेकिन जो ज़रूरी चीज़ है, उस पर एक शब्द तक नहीं बोला गया। पी. चिदंबरम जी जादुई शब्द बोलिए। यूएपीए। आप ही ने यूएपीए में संशोधन किया था जिससे अनगिनत मुसलमानों और आदिवासियों की ज़िंदगियां तबाह और बरबाद हो गई। उसके बाद जब बीजेपी ने यूएपीए में संशोधन कर इस कानून को और बदतर किया तो आपकी पार्टी ने राज्यसभा में इस पर साथ देने में कतई देरी नहीं की।''

दरअसल, कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने ट्वीट करके नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और आसिफ़ इक़बाल तन्हा की जमानत का स्वागत करते हुए कहा था कि 'आप लोग उदासीनता और जड़ता के रेगिस्तान में आशा की एक हरियाली हैं।'


पी. चिदंबरम ने एक और ट्वीट में लिखा था कि 'यह दुखद है कि अदालतें पुलिस पर जितनी भी सख़्त कार्रवाई करती हैं, उनके मालिक उतने ही ज्यादा दमनकारी होते जाते हैं। लेकिन आख़िरकार सत्य की ही जीत होती है।'

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