OMG: MP मे नकली रेमडीसिविर इन्जेक्शन से 90 फीसदी ठीक हो गए लोग, पानी, ग्लूकोज और नमक से बनाए गए थे इन्जेक्शन !
मुंबई : कोरोना के चलते रेमडीसिविर इन्जेक्शन की बढ़ती मांग के बाद किस तरह तेजी से उसका काल बाजार हो रहा है ये सभी को पता है देश के अलग अलग हिस्सों मे छापामारी कर नकली रेमडीसिविर इन्जेक्शन पकड़े जा रहा है कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र मे रेमडीसीवीर इन्जेक्शन पकड़े थे तो पता चल था कि रेमडीसिविर इन्जेक्शन की बोतल मे क्रोसिन दवाई मिलाकर बेचा गया था। और मरीजों के रिस्तेदारों से मुह मांगी रकम भी ली जा रही है कह 50 हजार से लाखों रुपये तक लिए जा रहे है।
आपको जानकार हैरानी होगी की गुजरात के नकली रेमडीसिविर इन्जेक्शन बनाने वाले एक गैंग ने मध्यप्रदेश मे नकली रेमडीसिविर इन्जेक्शन सप्लाई कर दिया और उस नकली इन्जेक्शन मे पानी, ग्लूकोज और नमक भर कर 100 से ज्यादा लोगों को बेचा गया । जब पुलिस ने इन नकली रेमडीसिविर इन्जेक्शन वाले गिरोह को पकड़ तो जांच मे पता चल कि सैकड़ों की तादाद मे ये इन्जेक्शन बेचे गए। जिन जिन मरोजों को ये नकली रेमडीसिविर इन्जेक्शन बेचे गए जब पुलिस ने जांच की तो हैरान कर देने वाली बात सामने आई जिसमे पता चल कि 10 मरीजों की मौत हो गई लेकिन 100 से ज़्याद मरीज इस पानी, ग्लूकोज और नमक वाली नकली रेमडीसिविर इन्जेक्शन से ठीक हो गए।
इस घटना को लेकर हर कोई हैरान है लेकिन कही ना कही पुलिस का भी ये कहना है कि जिन लोगों को नकली इन्जेक्शन दिया गया है उनका सर्वाइवल रेट असली इन्जेक्शन लेने वालों से भी कही अच्छा निकला। अब ये चर्चा हो रही है अगर पानी, ग्लूकोज और नमक से बनाए नकली रेमडीसिविर इन्जेक्शन से ठीक हो रहे है तो मेडिकल एक्सपर्ट ने इसकी जांच करनी चाहिए।
मध्यप्रदेश में लगभग 1200 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचे थे. इनमें से जबलपुर में 500 और इंदौर में 700 इंजेक्शन बेचे गए थे. नकली इंजेक्शन बेचने के आरोप में एक प्राइवेट अस्पताल संचालक सहित चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।