नई दिल्ली। ग्लोबल साइबर रिसर्च ने चेतावनी देते हुए कहा कि इंटरनेट पर ऐसी कई पोस्ट मिली है जो इलाज के लिए कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराने का दावा कर रही है। डार्कनेट पर कोरोना वैक्सीन 250 से 300 डॉलर में उपलब्ध है। यहां पर विज्ञापनों के माध्यम से वैक्सीन की सफलता के दावे भी किए जा रहे हैं। इंटरपोल ने पिछले हफ्ते चेतावनी दी थी कि ऑर्गनाइज्ड क्रिमिनल नेटवर्क्स कोविड वैक्सीन के नाम पर धोखाधड़ी कर सकते हैं।उल्लेखनीय है कि कोरोना काल में इससे पहले भी नकली मास्क, नकली सेनेटाइजर से लेकर ऑक्सीजन लेवल चेक करने वाले नकली ऑक्सीमीटर एप तक बाजार में आ चुके हैं।
भारत सरकार इस संबंध में लोगों को चेतावनी भी जारी कर चुकी है। इतना ही नहीं मध्यप्रदेश में तो नकली प्लाजमा चढ़ाने की वजह से कोरोना संक्रमित की मौत भी हो चुकी है। हाल ही में विश्व की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने एक बयान में कहा था कि इस माह के अंत तक देश में कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की अनुमति मिल सकती है और जनवरी से यहां टीकाकरण अभियान शुरू हो सकता है। ऐसे में नकली टीके से सावधान रहने की आवश्यकता है।