कोरोना के अल्फा और डेल्टा वेरिएंट पर असरदार है ये स्वदेशी वैक्सीन- अमेरिकी शीर्ष स्वास्थ्य शोध संस्थान
मुंबई : कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट को लेकर लगातार विशेषज्ञों द्वारा चिंता जाहिर की जा रही है। डेल्टा वेरिएंट को लेकर कहा जा रहा है कि इसके अटैक से मरीज की मौत होने की संभावना अधिक रहती है। हालांकि, इसी बीच अच्छी खबर ये है कि स्वदेशी कंपनी भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई कोरोना की वैक्सीन (कोवाक्सिन) कोविड वायरस के अलावा और डेल्टा वेरिएंट पर भी असरदार है। ये दावा अमेरिका के शीर्ष स्वास्थ्य शोध संस्थान "नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) ने किया है। NIH ने कहा कि ये दावा दो शोधों के डाटा के आधार पर किया जा रहा है।
NIH ने कहा कि कोवाक्सिन की डोज लेने वाले लोगों के रक्त सीरम के दो अध्ययनों के परिणाम के अनुसार, यह वैक्सीन ऐसे एंटीबॉडी विकसित करता है, जो सार्स-सीओवी-2 के बी.1.1.7 (अल्फा) और बी.1.617 (डेल्टा) स्वरूपों को प्रभावी तरीके से बेअसर करते हैं। ये स्वरूप सबसे पहले ब्रिटेन और भारत मिले थे।
NIH ने कहा कि उसकी वित्तीय मदद से विकसित एक सहायक औषधि ने अत्यधिक प्रभावशाली कोवाक्सिन की सफलता में योगदान दिया है, जिसे भारत एवं अन्य स्थानों में अब तक करीब 2 करोड़ 50 लाख लोगों को लगाया जा चुका है। सहायक औषधियां प्रतिरक्षा क्षमता और वैक्सीन की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए उसके हिस्से के रूप में तैयार की जाती हैं। कोवाक्सिन में सार्स-सीओवी-2 के एक अक्षम रूप को शामिल किया गया है जो अपनी प्रति नहीं बना सकता, लेकिन वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करता है।
अमेरिका के शीर्ष स्वास्थ्य शोध संस्थान के अनुसार, "टीके (कोवाक्सिन) के दूसरे चरण के परीक्षण के प्रकाशित परिणाम बताते हैं कि यह सुरक्षित है। कोवाक्सिन के तीसरे चरण के परीक्षण के सुरक्षा संबंधी आंकड़े इस साल के अंत में उपलब्ध हो जाएंगे।"
NIH ने कहा कि इसी बीच, तीसरे चरण के परीक्षण के अप्रकाशित अंतरिम परिणाम से संकेत मिलता है कि यह टीका लक्षण वाले संक्रमण के खिलाफ 78 प्रतिशत प्रभावशाली है। यह गंभीर कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ 100 प्रतिशत प्रभावशाली और बिना लक्षण वाले संक्रमण के खिलाफ 70 प्रतिशत प्रभावशाली है। वहीं NIH के हिस्से एलर्जी एवं संक्रामक रोगों के राष्ट्रीय संस्थान (NIAID) के निदेशक एंथनी एस फाउची ने कहा कि एक वैश्विक महामारी को समाप्त करने के लिए वैश्विक स्तर पर कदम उठाने की जरूरत है।
एंथनी एस फाउची ने आगे कहा, "मुझे खुशी है कि NIAID के समर्थन से अमेरिका में विकसित सहायक औषधि भारत में लोगों के लिए उपलब्ध एक प्रभावशाली कोविड-19 वैक्सीन का हिस्सा है।