ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए नौसेना चला रही है ऑपरेशन समुद्र-सेतु, विदेशों से चिकित्सा उपकरण लाने के काम में लगे हैं 9 युद्धपोत

Update: 2021-05-11 14:57 GMT

मुंबई : कोरोना की दूसरी लहर में कोविड संक्रमित मरीजों की संख्या में भारी बढ़ोतरी होने के कारण देश में ऑक्सजीन की किल्लत हो गई है। हालांकि, केंद्र सरकार ने कोरोना प्रभावित राज्यों के लिए अब ऑक्सीजन की आपूर्ती काफी हद तक बढ़ा दी है। केंद्र की ओर से राज्यों की जरूरत के मुताबिक मेडिकल ऑक्सीजन दी जा रही है। इसी बीच एक और अच्छी ख़बर है जिसके अनुसार, भारतीय नौसेना विदेशों से ऑक्सजीन कंटेनर और सिलेंडर लाने में जुटी है। दरअसल, ऑपरेशन समुद्र-सेतु के तहत आज (सोमवार) को नौसेना के तीन युद्धपोत लिक्विड ऑक्सजीन, सिलेंडर और कंसन्ट्रेटर्स सहित दूसरे मेडिकल उपकरण लेकर देश के तीन बड़े बंदरगाहों पर पहुंच रहे हैं।

नौसेना के प्रवक्ता, कमांडर विवेक मधवाल हवाले से मीडिया में आई खबर के अनुसार, ऑपरेशन समुद्र-सेतु के अंतर्गत 03 युद्धपोत कतर, कुवैत और सिंगापुर से 04 भरे हुए लिक्विड ऑक्सीजन कंटनेर (कुल क्षमता 27 मैट्रिक टन), 08 खाली ऑक्सीजन कंटनेर (क्षमता 20 एमटी), 900 भरे हुए ऑक्सीजन सिलेंडर, 3150 खाली सिलेंडर और 10 हजार रेपिड एंटीजन टेस्टिंग किट समेत काफी मात्रा में दूसरे मेडिकल उपकरण लेकर भारत पहुंच रहे हैं। इनमें से दो युद्धपोत भारत के 2 अलग-अलग बंदरगाहों पर पहुंच भी गए हैं, तीसरा शाम तक पहुंच रहा है।

नौसेना के मुताबिक, आईएनएस ऐरावत युद्धपोत आज सुबह सिंगापुर से आंध्रा-प्रदेश के विशाखापट्टनम पोर्ट पर आठ खाली क्रायोजैनिक ऑक्सीजन कंटनेर, 3150 खाली सिलेंडर, 500 भरे हुए सिलेंडर और 10 हजार रेपिड एंटीजन टेस्टिंग किट लेकर पहुंच गया है. इसके अलावा आईएनएस त्रिखंड भी फ्रांस की मदद से कतर से दो 27 मैट्रिक टन (एमटी)के भरे हुए ऑक्सीजन कंटनेर लेकर मुंबई पहुंच गया है.

नौसेना की ओर से आए बयान के अनुसार, आईएनएस कोलकता युद्धपोत भी आज कतर और कुवैत से जरूरी चिकित्सा उपकरण लेकर कर्नाटक के मंगलौर बंदरगाह पहुंच रहा है। इस युद्धपोत में दो 27 एमटी के भरे हुए ऑक्सीजन कंटनेर, 400 ऑक्सजीन सिंलेंडर, 47 ऑक्सजीन कंसंट्रेटर ला रहा है।

कोरोना महामारी के दौरान ऑक्सीजन की कमी के चलते नौसेना ने विदेशों से ऑक्सजीन कंटनेर और दूसरे मेडिकल उपकरण लाने के लिए ऑपरेशन समुद्र-सेतु छेड़ रखा है। इस ऑपरेशन में नौसेना के कुल 09 युद्धपोत लगे हुए हैं। एक युद्धपोत, आईएनएस तलवार पहले ही 5 मई को लिक्विड ऑक्सीजन के साथ बहरीन से मंगलौर पहुंचा था।

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