आदि शक्ति मां दुर्गा की उपासना का पावन पर्व शारदीय नवरात्र शनिवार 17 अक्टूबर से शुरू होगा। मलमास का समापन हो जाएगा। नवरात्र का शुभारंभ इस बार दुर्लभ संयोग के साथ होगा। इसलिए ग्रहीय दृष्टि से शारदीय नवरात्र शुभ और कल्याणकारी होगा। नवरात्र के दौरान नौ दिनों तक घरों, मन्दिरों में विधिविधान से पूजन अर्चन कर भक्त मां भगवती आशीष प्राप्त करेंगे। नवरात्र को लेकर मन्दिरों में सरकार की गाइड लाइन के अनुसार सिद्धपीठ ललिता देवी, कल्याणी देवी और अलोपशंकरी मंदिर में पूजन-अर्चन की तैयारी की गई है। ज्योतिषाचार्य पंडित पीआर रवि के अनुसार नवरात्र पर ग्रहीय आधार पर विशेष संयोग बन रहा है। 58 वर्षों के बाद शनि, मकर में और गुरु, धनु राशि में रहेंगे। इससे पहले यह योग वर्ष 1962 में बना था। यह संयोग नवरात्र पर्व को कल्याणकारी बनाएगा।
नवरात्रि के हर दिन का खास महत्व
नवरात्रि का हर दिन मां दुर्गा को समर्पित है. नवरात्रि के नौ दिनों तक दुर्गा मां के अलग-अलग नौ रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के अंतिम दिन को महानवमी कहा जाता है और इस दिन कन्या पूजा की जाती है।
माता के नौ रूप
नवरात्रि दिन 1– प्रतिपदा 17 अक्टूबर (शनिवार) माँ शैलपुत्री (घट-स्थापना)
नवरात्रि दिन 2– द्वितीय 18 अक्टूबर (रविवार) माँ ब्रह्मचारिणी
नवरात्रि दिन 3– तृतीया 19 अक्टूबर (सोमवार) माँ चंद्रघंटा
नवरात्रि दिन 4– चतुर्थी 20 अक्टूबर (मंगलवार) माँ कुष्मांडा
नवरात्रि दिन 5– पंचमी 21 अक्टूबर (बुधवार) माँ स्कंदमाता
नवरात्रि दिन 6– षष्ठी 22 अक्टूबर (गुरुवार) माँ कात्यायनी
नवरात्रि दिन 7– सप्तमी 23 अक्टूबर (शुक्रवार) माँ कालरात्रि
नवरात्रि दिन 8– अष्टमी 24 अक्टूबर (शनिवार) माँ महागौरी (महा अष्टमी, महा नवमी पूजा)
नवरात्रि दिन 9– नवमी 25 अक्टूबर (रविवार) माँ सिद्धिदात्री
नवरात्रि दिन 10– दशमी 26 अक्टूबर (सोमवार) दुर्गा विसर्जन (दशहरा)