नासा का दावा, 2100 तक जलमग्न हो जाएंगे भारत के 12 शहर, जिसमे मुंबई भी है शामिल

Update: 2021-08-12 06:25 GMT

मुंबई: अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ( National Aeronautics and Space Administration, NASA) ने भारत के बारे में भयभीत करने वाली भविष्यवाणी की है। नासा ने 'इंटर गवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज' (IPCC) के तहत एक रिपोर्ट ज़ारी की है। इस रिपोर्ट में भारत को आगाह करते हुए नासा ने लिखा है कि आज से करीब 80 साल बाद यानी 2100 तक भारत के लगभग 12 शहर, 3 फीट तक पानी में डूब जाएंगे। रिपोर्ट के अनुसार ग्लोबल वॉर्मिंग (Global Warming) के चलते ध्रुवों पर जमी बर्फ़ के पिघलने से मैदानी क्षेत्रों में भारी तबाही आने की संभावना है।

रिपोर्ट में लिखा है कि भारत के इस क्लाइमेट चेंज से इन स्थानों को हो सकता है नुकसान

भावनगर

कोच्चि

मोरमुगाओ

ओखा

तूतीकोरिन

पारादीप

मुंबई

मैंगलोर

चेन्नई

विशाखापट्टनम

जिसकी वजह से तटीय इलाकों पर रह रहे लोगों को भविष्य में सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ेगा। पश्चिम बंगाल का किडरोपोर इलाका, जहां पिछले साल तक समुद्री जलस्तर के बढ़ने का कोई ख़तरा नहीं नज़र आ रहा था।

कार्बन उत्सर्जन और प्रदूषण है कारण

रिपोर्ट के मुताबिक वहाँ भी 2100 तक आधा फीट पानी बढ़ जाएगा। यदि कार्बन उत्सर्जन और प्रदूषण नहीं रोका गया, तो अगले दो दशकों में तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाएगा। यदि इसी तेजी से पारा चढ़ता रहा तो ग्लेशियर भी तेजी से पिघलेंगे। ऐसे में समुद्री जलस्तर इतनी तेजी से बढ़ेगा कि उसे संभालना मुश्किल हो जाएगा। इसके उदाहरण हमें समय-समय पर देखने को मिल रहे हैं। अभी कई द्वीप डूब चुके हैं और कई अन्य द्वीपों के डूबने की संभावना है।

सी लेवल प्रोजेक्शन टूल

किसी आपदा के आने पर तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को वक्त रहते सुरक्षित निकालने के लिए नासा ने एक यंत्र 'सी लेवल प्रोजेक्शन टूल' बनाया है। जिसकी सहायता से बढ़ते समुद्री जलस्तर का पता किया जा सकेगा, जिससे सही समय पर आने वाली आपदा से बचने के उपाय किए जा सकेंगे।

नासा के एडमिनिस्ट्रेटर 'बिल नेल्सन' ने कहा है कि 'सी लेवल प्रोजेक्शन टूल' दुनियाभर के नेताओं और वैज्ञानिकों को यह बताने के लिए काफी है कि अगली सदी तक हमारे कई देशों की जमीन कम हो जाएगी।'

IPCC की ये छठी एसेसमेंट रिपोर्ट है, जो 9 अगस्त को जारी की गयी थी।

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