मुंबई: मोदी सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हो चुका है और इस विस्तार मे महाराष्ट्र के कद्दावर नेता नारायण राणे की भी लॉटरी लग गई है
नारायण राणे की अगर बात की जाए तो राणे
1968 मे 16 साल की उम्र में शिवसेना से जुड़े।
1985 से 1990 मे शिवसेना के पार्षद बने इसके बाद BEST के अध्यक्ष बने।
1990-95 मे पहली बार विधायक बने।
1996-99 मे शिवसेना-BJP की सत्ता में राजस्व मंत्री बने।
1999 मे बाला साहब के निर्देश पर 9 महीने तक मुख्यमंत्री रहे।
2005मे उद्धव ठाकरे से मतभेद के बाद 3 जुलाई 2005 को शिवसेना छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए। इसके बाद कांग्रेस में राजस्व मंत्री बने।
2009: महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री बने।
2014: लोकसभा चुनाव में बेटे नीलेश की हार के बाद मंत्री पद से इस्तीफा दिया।
2017: कांग्रेस का दामन छोड़ अपनी पार्टी बनाई।
2019: भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा।
राणे को अब केंद्र मे जगह मिलने के बाद यह तय है कि केंद्र और महाराष्ट्र मे शिवसेना और बीजेपी का गठबंधन होना अब असंभव है।