मुंबई। वित्तमंत्री के तीसरे बजट में जहां मध्यम वर्ग को बहुत उम्मीद थी, वहीं इसमें लोगों को कोई खास राहत नहीं मिली. ना तो टैक्स स्लैब में कोई बदलाव किया है और ना ही कोरोना योद्धाओं के लिए कोई ऐलान किया गया. कोरोना से अपनी नौकरी गवां चुके लोगों के लिए कोई राहत बदले हालात में परेशानी झेल रहा मध्यम वर्ग महंगाई से भी परेशान है.
आम बजट से इस वर्ग को उम्मीद थी जो पूरी नहीं हुई. कोरोना काल के बाद पेश किए गए इस बजट से आम आदमी जिस राहत की उम्मीद कर रहा था, उसे लेकर कई लोगों को मायूसी हुई. इस बजट में इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया, ना ही कोई अतिरिक्त टैक्स छूट का तोहफा मिला. सरकार ने इनकम टैक्स रिबेट की भी घोषणा नहीं की, लेकिन 75 वर्ष से ज़्यादा उम्र के बुजुर्ग, जिनकी आय का स्तोत्र केवल पेंशन है,
उन्हें ITR नहीं भरना होगा. नौकरीपेशा मुंबई के निवासी संतोष यादव ने कहा कि ''बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन जारी है. पैसे कम हैं और खर्च ज़्यादा. लैपटॉप और दूसरी चीज़ें लेने में दिक्कत होगी.'' 'बजट में जो भी ऐलान हो, गैस की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. परेशानी बढ़ रही है।