पैसे के लिए मुंबई, दिल्ली,बेंगलुरु व हैदराबाद एयरपोर्ट की हिस्सेदारी भी अब बेचेगी मोदी सरकार

Update: 2021-03-14 10:00 GMT

मुंबई। मोदी सरकार मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और हैदराबाद हवाई अड्डों की बची हुई हिस्सेदारी को भी बेचने की तैयारी कर रही है। असेट मॉनिटाइजेशन के जरिए 2.5 लाख करोड़ रुपए जुटाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए इस हिस्सेदारी की बिक्री की जाएगी। पिछले महीने हुई सचिवों की कमेटी की बैठक के हवाले से सूत्रों का कहना है कि इन चारों हवाई अड्डों में से सरकार एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की बची हुई हिस्सेदारी बेचेगी। इसके अलावा समिति ने प्राइवेटाइजेशन के लिए 13 और हवाई अड्डों को चुन लिया गया है।

दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद हवाई अड्डों में से AAI की हिस्सेदारी बेचने के लिए विमानन मंत्रालय कैबिनेट से मंजूरी लेगा। इसके लिए जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव पेश किया जाएगा। अभी इन चारों हवाई अड्डों का संचालन निजी क्षेत्र के साथ जॉइंट वेंचर में किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, जिन 13 हवाई अड्डों को प्राइवेटाइजेशन के लिए चुना गया है, उनमें से मुनाफे और गैर-मुनाफे वाले हवाई अड्डों को जोड़ा जाएगा। इसका मकसद प्राइवेटाइजेशन के दौरान बेहतर पैकेज आकर्षित करना है। पहले चरण में केंद्र सरकार पिछले साल लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मेंगलुरु, तिरुवनंतपुरम और गुवाहाटी के हवाई अड्डों का प्राइवेटाइजेशन कर चुकी है।

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