मोदी सरकार का कृषि कानून वापसी, जानिए आखिर क्यों लेना पड़ा ऐसा फैसला

Update: 2021-11-22 05:30 GMT

दुनियाभर में विश्व भर में पीएम नरेंद्र मोदी की छवि उनके भाषणों और उनके फैसलों के लिए जाना जाता है, चाहे नोटबंदी हो, ट्रिपल तलाक, धारा 370 और 35a को खत्म करने के है, हालही में पीएम मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कृषि कानून वापसी का एलान किया था,एलान के दौरान पीएम मोदी ने कहा ' शायद हमारी सरकार किसान वर्ग को समझने में विफल रही, जिसके लिए मोदी ने माफ़ी मांगी, वही मोदी ने शुद्ध और सच्चे दिल से काम करने का विश्वास दिया, इस फैसले के बाद किसान संगठन और सियासी दलों ने इसका स्वागत किया था।

सवाल यह बनता है कि आखिर क्यों पीएम मोदी और उनकी सरकार को किसानों आगे झुकना पड़ा ?... साल 2020 में मोदी सरकार ने संसद में किसान हित में बनाएं गए कृषि कानून को पारित किया था, बता दे कि इस बिल को मोदी सरकार लोकसभा में 17 सितंबर 2020 को स्वीकृत किया गया था और राज्य सभा में 20 सितंबर 2020 में स्वीकृतकरवाया गया था. इस बिल पर भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 27 सितंबर 2020 को अपनी स्वीकृति दी।

बिल को स्वीकृति मिलने के बाद पहले हरियाणा और पंजाब किसान और किसान संगठन ने इस बिल पर नाराज़गी जताते हुए सरकार के विरोध में मोर्चा निकाला और बाद में दिल्ली पहुंचकर दिल्ली की सड़को को घेराबंदी कर आंदोलन पर बैठ गए थे और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे थे। इसके बाद बिल का विरोध करने के लिए देश भर के किसान प्रदर्शन बैठ गए और लगातार आंदोलन करने लगे थे, हालही में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों को गाडी से कुचल दिया गया था और कई किसान इस हिंसा कांड मारे जा चुके थे, अब तक तक़रीबन 700 किसानों की मौत हो चुकी है।

मोदी सरकार द्वारा पारित किये गए तीन कृषि कानून

( 1 ) किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020 ( Farmers' Produce Trade and Commerce (Promotion and Facilitation) Act, 2020 )

( 2 ) मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020 पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता ( Farmers (Empowerment and Protection) Agreement on Price Assurance and Farm Services Act, 2020 )

( 3 ) आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 ( Essential Commodities (Amendment) Act, 2020 ) है।

19 नवंबर 2021 को गुरुपुरब के अवसर पर, भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि उनकी सरकार दिसंबर में संसद के आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान तीन अधिनियमों को निरस्त करेगी।

पीएम मोदी के इस फैसले को चुनाव के नज़रिए से भी देखा जा रहा है, क्योंकि उत्तर प्रदेश में 2022 में विशानसभा चुनाव होने है, इसके अलावा देश के अन्य राज्यों में चुनाव होना है, जानकारों के मुताबिक मोदी सरकार ने चुनाव को देखते हुए शायद इसी वजह से कृषि कानून को वापस लेना पड़ रहा है। 

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