Lockdown में दिल्ली-मुंबई से पैदल गए थे अपने गांव,अब लौट रहे प्रवासी मजदूर,मिल रहा काम

Update: 2021-02-10 10:24 GMT

फाइल photo

दिल्ली/मुंबई। लगभग 1 करोड़ प्रवासी मजदूर अपने राज्यों में वापस लौट गए थे क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण वे बेरोजगार हो गए थे। पर ये मजदूर वापसी कर रहे हैं और उन्हें रोजगार भी मिल रहा है। यह जानकारी श्रम व रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान दी। करीब 1 करोड़ श्रमिक जो दूसरे राज्यों में काम करते थे लॉकडाउन के दौरान अपने गृह राज्य वापस चले गए थे। लेकिन अब उनमें से अधिकांश अपने काम के लिए फिर से दूसरे राज्यों में लौट चुके हैं और उन्हें नौकरी भी मिल रही है।

सदन में सपा नेता राम गोपाल यादव ने प्रवासी मजदूरों को लेकर सप्लीमेंटरी सवाल किया था जिसका जवाब देते हुए श्रम मंत्री ने यह जानकारी दी। सपा नेता यह जानना चाहते थे कि असंगठित सेक्टर में कितने श्रमिकों की नौकरी इस कोरोना के दौरान फैक्ट्रियों के बंद होने से चली गई। संगठित सेक्टर में 10 करोड़ श्रमिक और असंगठित सेक्टर में 40 करोड़ श्रमिक काम करते हैं। गंगवार ने बताया कि सरकार प्रयास में जुटी है और ऐसे कई प्रोग्राम की शुरुआत की है जिसमें लोगों को काम मिल सके।

गत 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2020-21 पेश किया। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने चर्चा की और बताया कि यह बजट देश की मध्यम वर्गीय जनता को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इस वित्तीय वर्ष में चारों लेबर कोड्स को लागू किया जाएगा जिसके दिशा-निर्देश बनाने का कार्य अं‍तिम चरण में है। बता दें कि लॉकडाउन के बाद दिल्ली महाराष्ट्र जैसे तमाम राज्यों में फैक्ट्रियां बंद हो गई और बिहार, उत्तर प्रदेश से आए बेरोजगार हुए मजदूरों ने अपने घरों का रुख कर लिया था। उस वक्त गाड़ियां न मिलने के कारण ये मजदूर पैदल ही हाइवे पर नजर आ रहे थे। 



 


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